दिखाया आईना
- पुजारियों और पुरोहितों के हित के बजाय डेल्टा प्लस से हजारों लोगों की जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण
- 25 जून को तीरथ कैबिनेट ने 1 जुलाई से चार धाम यात्रा शुरू करने का लिया था फैसला
नैनीताल। आज सोमवार को हाईकोर्ट ने पहली जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के तीरथ कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने चारधाम में पूजा अर्चना का लाइव टेलीकास्ट करने के निर्देश सरकार को दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने तीरथ सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि हरिद्वार महाकुंभ में सरकार की अधूरी तैयारियों की वजह से राज्य की बदनामी हुई।
आज सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, अनू पंत की कोविड काल में स्वास्थ्य अव्यवस्था तथा चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ओमप्रकाश व अन्य अधिकारी अदालत में वर्चुअली पेश हुए।
हाईकोर्ट ने कहा कि एसओपी में हरिद्वार जिले में पुलिस तैनाती का ज़िक्र किया है, इससे साफ है सरकार यात्रा तैयारियों को लेकर कितनी गंभीर है। तीरथ सरकार की ओर से पुजारियों और पुरोहितों के विरोध का ज़िक्र किया गया तो हाईकोर्ट ने कहा कि हमें धार्मिक भावनाओं का पूरा ख्याल है। लाइव टेलीकास्ट को शास्त्र सम्मत न होने बताने पर कोर्ट ने कहा कि जब धार्मिक ग्रंथ लिखे गए तब तकनीक नहीं थी। अब जगन्नाथ यात्रा तक का लाइव प्रसारण होता है।
उच्च न्यायालय ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि पुजारियों व पुरोहितों के हित के बजाय डेल्टा प्लस से हजारों लोगों की जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है। सरकार को व्यापक हित देखना चाहिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी व अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि हाईकोर्ट ने 25 जून की चारधाम यात्रा शुरू करने के निर्णय पर रोक लगा दी है।