गढ़वाली मांगल गीत गाकर मैथिली ठाकुर ने किया सभी को भावुक, आप भी सुनिए…..

देहरादून। अपनी आवाज का जादू बिखेरकर इंटरनेट सेनसेशन बनी बिहार की बेटी मैथिली ठाकुर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अपनी सुमधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली मैथिली ठाकुर सिर्फ हिंदी भजन ही नहीं बल्कि उत्तराखंडी लोकगीत गाने के लिए भी मशहूर हैं। उत्तराखंड के लोगगीतों को आत्मासात कर मैथिली उत्तरखंडियों को अपनी संस्कृति पर गर्व करने का मौका देती हैं। मैथिली ठाकुर अक्सर उत्तराखंड के लोकगीत गाकर न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देशभर का दिल जीत लेती हैं। पहले भी मांगल गीत गाकर खूब सुर्खियां बटोर चुकी मैथिली ने इस बार भी गढ़वाली मांगल गीत गाकर न सिर्फ लोगों का दिल जीता है बल्कि भावूक भी किया है। दरअसल, मैथिली ठाकुर ने गढ़वाली मांगल गीत गाया है। यह मांगल गीत शादी विवाह के अवसर पर गाया जाता है। जब हल्दी की रस्म होती है तो माता पिता, भाई, आदि रिश्तेदारों से कहा जाता है……. दे द्यावा..दे द्यावा..मेरा बरमा जी…दे द्यावा हलदी का बान है….जिया रेयां..जिया मेरा..बरमा जी…जौन दीनि हलदी का बान हे….


मैथिली ठाकुर के सुरों से सजा गढ़वाली मांगल गीत वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, लोग उनकी गायिकी की तारीफ करते नहीं थक रहे। मैथिली के इस गाने को अभी तक उनके चैनल पर सबसे अधिक पसंद किया गया है। मैथिली ठाकुर ने एक दिन पहले ही अपने यूट्यूब चैनल पर इस मांगल गीत के वीडियो को रिलीज किया है। इस वीडियो में मैथिली हारमोनियम पर स्वयं संगीत देने के साथ इस मांगल गीत को गा रही हैं। साथ में अन्य महिलाएं भी उनके सुर से सुर मिला रही हैं। जबकि उनके भाई ऋषभ व अयाची भी वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे हैं। आमतौर पर मांगल गीतों को उसी भाव से गाना कोई आसान काम नहीं होता, लेकिन मैथिली ने अपनी गायिकी से साबित कर दिया कि संगीत की कोई सीमा नहीं होती। इससे पहले भी लोक गायिका मैथिली ठाकुर  गढ़वाली मांगल गीत कुमाउंनी का सुवाल पथाई लोकगीत गाकर सुर्खियां बटोरी थी।
सुरों की मल्लिका मैथिली ठाकुर, देश के उस मध्यम वर्ग की नुमाइंदगी करती हैं, जिसमें प्रतिभा तो बहुत है, लेकिन उसे जाहिर करने और प्रसिद्धि पाने के लिए ताउम्र संघर्ष करना होता है। इस मामले में मैथिली खुशनसीब हैं क्योंकि उन्हें पिता के रूप में संगीत के एक बेहतरीन गुरु मिले हैं और सोशल मीडिया के रूप में एक मजबूत प्लेटफॉर्म भी। एक करोड़ से ज्यादा लोग उन्हें फॉलो करते हैं। आप भी मैथिली ठाकुर की आवाज में सुनिए यह मांगल गीत और उत्तराखंड की संस्कृति पर गर्व कीजिए। 

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