Lok Sabha Elections: आदर्श आचार संहिता है लागू, ये नियम टूटे तो सीधे जेल…

नई दिल्ली। उत्तराखंड में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। अब से ढाई माह तक अगर कहीं किसी काम से कैश ले जा रहे हैं तो इसका पूरा रिकॉर्ड साथ रखना होगा। बता दे कि चुनाव तारीखों की घोषणा की तारीख से आदर्श आचार संहिता को लागू किया जाता है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू रहती है। लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है

आदर्श आचार संहिता…

● 50 हजार कैश लेकर ही चल सकेंगे, इससे ज्यादा कैश लेकर चलने पर आईडी, धन निकासी का प्रमाण आदि देना होगा।

● कोई भी नेता या अधिकारी उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकता है, सरकार नए कामों की स्वीकृति भी नहीं दे सकती।

● सरकार उपलब्धियों का प्रचार नहीं करेगी।

● सरकारी भवनों में पीएम, सीएम के फोटो लगाने पर रोक रहेगी।

● सरकार की उपलब्धियों के विज्ञापन नहीं प्रचारित किए जाएंगे.

● कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।

● सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल को फायदा पहुंचता हो।

● हर प्रत्‍याशी और राजनीतिक दल को जुलूस, रैली, जनसभा या बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी लेनी होग

● कोई भी उम्मीदवार ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे जाति, धर्म या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद या घृणा फैले।

● वोट पाने के लिए घूस देना, शराब बांटना, मतदाताओं को परेशान करना भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

● अगर कोई नेता किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणियां करता है तो चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।

● अगर कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जेल भेजा जा सकता है।

● मतदान के दिन मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी।

● मतदान से 24 घंटे पहले किसी भी तरह की बैठक पर रोक रहेगी।

● चुनाव अभियान के लिए रोड शो, रैलियों या किसी दूसरी वजह से यातायात में रुकावट नहीं होनी चाहिए।

● पोलिंग पर चुनाव चिह्न का प्रदर्शन भी आचार संहिता का उल्लंघन है।

● हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस जैसी सार्वजनिक जगहों पर प्रत्‍याशी एकाधिकार नहीं जमा सकते।

● सरकारी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बनकर काम करेंगे।

● धर्मिक स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।

● किसी प्रत्याशी द्वारा सरकारी कर्मचारी पर अनुचित दबाव बनाना भी आचार संहिता का उल्लंघन है।

● चुनावी प्रक्रिया में गलतफहमी फैलाने और गलत जानकारी का उपयोग करने पर प्रतिबंध होगा।

● चुनावी विज्ञापनों पर निर्धारित सीमा के अनुसार ही दल धन खर्च सकेंगे, साथ ही धन के स्त्रोतों की जानकारी देनी होगी।

● सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट जिससे किसी धर्म या जाति प्रभावित होती है आचार संहिता का उल्लंघन है।

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