- इसी साल एक नवंबर से शुरू होंगे काम, 117 करोड़ होंगे खर्च
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर है। केदारनाथ पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के कार्यों को भी मंजूरी मिल हो गई है। अब नवंबर से डीसीदूसरे चरण के कार्य शुरू हो जायेंगे। पुनर्निमाण के इन कामों के लिए 117 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।
बीते बुधवार को मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निर्देशन में बदरीनाथ के मास्टर प्लान के साथ ही केदारनाथ के दूसरे चरण के कार्यों की स्वीकृति का अनुरोध किया गया था। प्रजेंटेशन के बाद सीएम के बेहतर प्रबंधन पर भरोसा करते हुए केंद्र ने केदारनाथ में दूसरे चरण के कामों की स्वीकृति दे दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रस्तुतिकरण देने के बाद मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बातचीत की।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी मिल गई है। दूसरे चरण कार्य सीएसआर फंड से किए जाएंगे। इसमें आईओसी, ओएनजीसी, पावर फाइनेंस कारपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रीसिटी कारपोरेशन योगदान है। उन्होंने बताया कि ब्रहम कमल वाटिका का स्थान चिन्हित हो गया है। नर्सरी और प्रदर्शनी की अनुमति मिल चुकी है। इसे जायका योजना के तहत वन विभाग तैयार करेगा। वन विभाग को 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। परियोजना में भूमि अधिग्रहण का मामले भी शामिल है। केदारनाथ में पहले चरण के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदि शंकराचार्य की प्रतिमा अप्रैल में स्थापित हो जाएगी। समाधि बनाने का सिविल कार्य 31 दिसंबर तक पूरा होगा।
ओम प्रकाश ने बताया कि वर्ष 2017 में पीएम ने पांच कार्यों की शुरुआत की थी। समय समय पर उन्होंने इन कार्यों की समीक्षा की। इनमें कुछ कार्य पूरे हो गए हैं। सरस्वती घाट और वहां आस्था पथ का कार्य पूरा हो गया। कुछ और कार्य होने हैं। मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर का पुल 31 जनवरी तक पूरा करने की कोशिश है। ध्यान गुफाओं का कार्य 30 सितंबर तक पूरा होगा। पीएम की सहमति के बाद आदि शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण कार्य शुरू होगा और अप्रैल तक प्रतिमा स्थापित हो जाएगी। बदरीनाथ में बद्रीश झील और श्रीनेत्र झील का सौंदर्यीकरण होगा तथा इनका एक ही मार्ग होगा। बदरीनाथ मंदिर के आसपास जो स्ट्रक्चर है, वहां भीड़भाड़ कम की जाएगी। बदरीनाथ शहर की गलियों का विस्तार होगा।
ब्रह्म कमल वाटिका स्थापित होने का भी स्थान फाइनल हो गया है। साथ ही नर्सरी के साथ ही फ़ोटो प्रदर्शनी स्थल की अनुमति भी मिल गई है। इसकी जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। इसके लिए वन विभाग को 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। गौरतलब है कि 2017 में केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण योजना की शुरूआत स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। सीएम त्रिवेंद्र के निर्देशों पर प्रथम चरण का कार्य कुछ को छोड़कर यथासमय पूर्ण हो चुके हैं।