उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर

  • कीटों से बचाने को विदेश से लाए फलों के पौधे को एक साल तक रखेंगे क्वारंटाइन
  • सौ करोड़ की लागत से टिहरी के मगरा में सेंटर दिसंबर तक होगा तैयार

देहरादून। कोरोना मरीजों की तरह अब विदेश से मंगाए जाने वाले फल प्रजातियों के पौधे भी क्वांरटाइन होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की मदद से टिहरी जिले के मगरा में सौ करोड़ की लागत का देश का पहला पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। देश में शीतोष्ण जलवायु वाले राज्यों में विदेश से काफी संख्या में फल पौध मंगाई जाती है। उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मंगाए जाने वाले शीतोष्ण जलवायु के पौधे सालभर तक क्वारंटाइन किए जाएंगे। किसी भी प्रकार के रोग, कीट आदि का प्रकोप न होने की पुष्टि के बाद ही इन्हें राज्यों को भेजा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने राज्य में आयातित पौधों के लिए पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर बनाने का खाका खींचा। इसके लिए मगरा स्थित उद्यान विभाग के राजकीय पौधालय का चयन हुआ और फिर केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया, जिसे मंजूरी भी मिल गई। निदेशक उद्यान डा. एचएस बावेजा के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, राष्ट्रीय बीज निगम और उद्यान विभाग उत्तराखंड मिलकर यह सेंटर स्थापित करने जा रहे हैं। दिसंबर तक तैयार होगा सेंटर उद्यान निदेशक के मुताबिक 18 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहा सेंटर दिसंबर तक अस्तित्व में आ जाएगा। यहां विदेश से मंगाए गए पौधों पर चैबीसों घंटे निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में आयातित पौधों से ग्राफ्टिंग, रूट स्टाक आदि के जरिए नई पौध भी तैयार किए जाएंगे।

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