कोरोना : अब तीनों भारतीय सेनायें अलर्ट मोड में!

वायरस के संक्रमण से ‘जंग’

  • युद्धपोतों के साथ ही प्लेन भी अलर्ट, सेना के 8,500 डॉक्टर भी तैयार
  • जरूरी मेडिकल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं वायुसेना और नौसेना के छोटे विमान
  • युद्धपोत और वायुसेना के बड़े ट्रांसपोर्ट विमान भी जरूरी सुविधा के लिए तैयार

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद अब भारतीय सेनाएं भी पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। कोरोना से ‘जंग’ की सबसे नाजुक स्थिति करीब आने पर चिकित्सा से जुड़े साजो-सामान लाने-ले जाने के लिए वायुसेना की ट्रांसपोर्ट फ्लीट तैयार है तो युद्धपोत भी किसी भी स्थिति में तैनाती के लिए अलर्ट पर हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना से जुड़ी सेना की तैयारियों का जायजा लिया। सेना के 8,500 डॉक्टर भी किसी प्रकार की आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने आदेश दिया कि सिविल प्रशासन को सभी तरह की मदद दी जाए जो स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ भी कोरोना से निपटने के लिए सिविल प्रशासन को मदद देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना रिटायर्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स को भी मदद के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके अलावा एनसीसी के 25,000 कैडेटों को सिविल प्रशासन की मदद के लिए तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि सुरक्षा बल पहले से ही कोरोना से निपटने के लिए क्वांरटीन सुविधाओं की तैयारी कर रही है। डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट जरूरी मेडिकल उपकरण बना रही है। वायुसेना को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर और नगालैंड में मेडिकल सप्लाई पहुंचाने के लिए तत्काल ऐक्टिव कर दिया गया है।
वायुसेना ने बताया कि उसके विमानों ने पिछले तीन दिनों में 25 टन सप्लाई को गंतव्य तक पहुंचाया है।  पूरे देश में मांग पूरी करने के लिए उसने अपने सभी ट्रांसपोर्ट बेड़े को तैयार रखा है। सी-17 हेवी लिफ्टर, एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट और सी-130जे स्पेशल ऑपरेशन एयरक्रॉफ्ट को सिविल प्रशासन के आग्रह पर ऐक्टिव किया जा रहा है।
वायुसेना और नौसेना ने छोटे डॉनियर विमान को भी सप्लाई के मोर्चे पर लगा रखा है। ये दोनों सेनाएं मेडिकल टीम द्वारा टेस्ट किए जा रहे सैंपल को तत्काल सही जगह पहुंचा रही है। वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘मेडिकल सप्लाई जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई), हैंड सेनेटाइजर, सर्जिकल गलव्स, थर्मल स्कैनर और मेडिकल कर्मचारियों को एक-जगह से दूसरे जगह पहुंचाया जा रहा है।’
नौसेना के युद्धपोत भी स्टैंडबाई मोड में हैं। ताकि तटीय इलाकों में जरूरी पड़ने पर बड़े पैमाने पर सामान की आपूर्ति की जा सके। दो युद्धपोत को पड़ोसी देशों की मदद के लिए पहले से ही तैयार रखा गया है। अगर जरूरत पड़ी तो दूसरे युद्धपोत को भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए अस्पतालों के 9,000 बेड तैयार रखे गए हैं। आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस जल्द ही नेपाल को मेडिकल मदद भेजने वाली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आदेश के बाद सेना चीफ जनरल एमएम नरवणे खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं।

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