बेंगलुरु। चीन ने एक बार फिर से भारत समेत दुनियाभर की चिंता को बढ़ा दिया है। दरअसल चीन में इन दिनों एक नए वायरस ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस (Human MetaPneumoVirus) का खौफ देखने को मिल रहा है। इसे HMPV कहा जा रहा है। ये वायरस तेजी से सभी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। भारत में भी इसका पहला केस सामने आ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक के बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे की कथित पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे का सैंपल 2 जनवरी को कलेक्ट किया गया था। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय पहला संदिग्ध मामला सामने आने के बाद HMPV को लेकर एक एडवाइजरी जारी कर सकता है।
सूत्रों ने बताया कि शिशु और उसके परिवार का हाल ही में यात्रा का कोई इतिहास नहीं था और उनमें कोई लक्षण नहीं दिखे। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट के नतीजों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने निजी सुविधा के निष्कर्षों की विश्वसनीयता को स्वीकार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हमें उनकी टेस्टिंग प्रोसिजर की सटीकता पर भरोसा है।” बता दें कि एचएमपीवी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और दुनिया भर में फ्लू के लगभग 0.7 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है। हालांकि, कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि उनके पास इस स्ट्रेन के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है।
दिल्ली से लेकर तेलंगाना में दिशा-निर्देश जारी…
एचएमपीवी को लेकर दिल्ली से लेकर तेलंगाना की सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)’ और श्वास संबंधी अन्य संक्रमण से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के सिलसिले में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए परामर्श जारी किया।
महानिदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. वंदना बग्गा ने दिल्ली में सांस संबंधी बीमारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। इसके तबाद सिफारिशों के तहत अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की सूचना तुरंत आईएचआईपी पोर्टल के माध्यम से दें। संदिग्ध मामलों के संबंध में सख्त क्वारंटीन नियम लागू करना और उचित सावधानियां बरतना अनिवार्य कर दिया गया है।
HMPV क्या है…
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर सर्कूलेट वीडियो और रिपोर्ट के कारण ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें बताया गया है कि चीन के अस्पतालों में HMPV सहित श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीजों में वृद्धि हो रही है। पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि HMPV, इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और COVID-19 सहित कई वायरस के प्रकोप ने अस्पतालों में भीड़भाड़ बढ़ा दी है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार HMPV, जिसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने पहचाना था। इसकी वजह से तीव्र श्वसन संक्रमण होता है।
वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। यह या तो खांसने, छींकने से श्वसन बूंदों के माध्यम से, या फिर दूषित सतहों जैसे कि दरवाजे के हैंडल या खिलौनों को छूने से फैलता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में HMPV आमतौर पर सर्दियों और वसंत के महीनों के दौरान ज्यादा फैलता है, जो श्वसन संबंधी अन्य संक्रमणों जैसे कि रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के साथ ओवरलैप होता है।
एचएमपीवी (HMPV) के लक्षण…
एचएमपीवी के लक्षण गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं और आम तौर पर खांसी, बुखार, बहती या भरी हुई नाक और गले में खराश शामिल हैं। कुछ व्यक्तियों को घरघराहट और सांस की तकलीफ (डिस्पेनिया) का भी अनुभव हो सकता है। कुछ मामलों में वायरस से दाने विकसित हो सकते हैं।