उत्तराखंड में मिला इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का पहला मरीज, बुजुर्गों और बच्चों में संक्रमण का अधिक खतरा
देहरादून।दून अस्पताल में इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का पहला मामला सामने आया है। आरटीपीसीआर जांच के बाद मरीज में इन्फ्लूएंजा-ए वायरस की प्रमाणिक पुष्टि हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक हालत गंभीर होने की वजह से मरीज अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटरी सपोर्ट पर है।
बच्चों और बुजुर्गों पर संक्रमण का अधिक खतरा
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इन्फ्लूएंजा-ए संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है। अस्पताल में भर्ती मरीज की उम्र 17 वर्ष है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह संक्रमण युवा वर्ग को भी प्रभावित कर सकता है।
प्राथमिक लक्षणों का न करें नजर अंदाज
चिकित्सक डॉ. अशोक के मुताबिक तेज बुखार, खांसी और जुकाम इन्फ्लूएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षण माने जाते हैं। इस तरह के लक्षण सामने आने पर लोगों को बिना किसी देरी के चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखनी चाहिए। इसके अलावा बाहर जाते समय मास्क लगाना चाहिए।
दून अस्पताल प्रबंधन आया हरकत में
अस्पताल में इन्फ्लूएंजा-ए संक्रमण का मरीज सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो गया है। इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। ऐसे मरीज को भर्ती के लिए अस्पताल में आठ बेड एक आईसीयू है। यहां पर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान किया जा रहा है।अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण से बचाव के लिए समस्त तैयारियां कर ली गई हैं। आइसोलेशन वार्ड में सभी तकनीकि और मानवीय संसाधनों का इंतजाम किया गया है। मरीजों को कोई भी परेशानी न हो इस दिशा में काम किया जा रहा है।