अब तक अखाड़ों की पेशवाई रही अद्भुत

  • नागा साधुओं के करतब देखने को उमड़ी भीड़
  • भक्तों ने संतों पर की फूलों की वर्षा

हरिद्वार। महाकुंभ से पहले अखाड़ों की पेशवाई निकली। पेशवाई में देवभूमि की झलक ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोने और चांदी की पालकी में राजा-महाराजाओं सरीखे हाथी-घोड़े और ऊंट पर बैठे संतों का स्वागत लोगों ने फूल बरसाकर किया।

अखाड़ों की पेशवाई ओर नागा साधुओं के अद्भुत करतबों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटीं। हर-हर महादेव के जयघोष के बीच फूलमाला से लदे अचार्य महामंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों, किन्नरों और नागा साधुओं के दर्शनों के लिए लोग सड़कों पर जमा हो गए। पंच दशनाम जूना अखाड़ा साधु संतों का बड़ा अखाड़ा है।

गुरुवार को शाम करीब चार बजे ज्वालापुर के पांडेयवाला से यात्रा शुरू हुई। पेशवाई का नेतृत्व श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा कर रहा था। इसके बाद श्री पंच अग्नि अखाड़ा और फिर किन्नर अखाड़ा की शोभायात्रा निकाली गई।

मुस्लिम समुदाय ने भी किया संतों का स्वागत
चूंकि ज्वालापुर इलाके में मुस्लिम आबादी भी रहती है। काफी पुरानी परम्परा है कि वे भी साधु-संतों का स्वागत करते हैं। इसी परंपरा के तहत मुस्लिम समुदाय ने भी साधु संतों का स्वागत किया। ये नजारा काफी अद्भुत होता है। हर कोई इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर रहा था। शोभायात्रा नील खुदाना, कोतवाली ज्वालापुर, जामा मसजिद बाजार, रेल चैकी, आर्या नगर चैक से होकर चंद्राचार्य चैक पहुंची। यहां से ललतारौ पुल स्थित छावनी पहुंची।

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