खेलों के विकास के लिए सरकार ने 110 करोड़ का प्रावधान

  • 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड ने कमर कसी
  • बजट की नहीं होगी कमी, खेल संघों ने जताई खुशी

भराड़ीसैंण। 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में लगे उत्तराखंड राज्य में खेलों के ढांचागत विकास के लिए राज्य सरकार ने इस बार के बजट में 110 करोड़ का प्रावधान किया है। इसे मिलाकर राज्य में खेलों के विकास पर नए वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 189.17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। खेल विभाग से जुड़े अधिकारी इसे उम्मीद भरा निर्णय बता रहे हैं। जबकि खेल संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारी इसे नाकाफी मान रहे हैं। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य के अलावा केन्द्र सरकार से भी मदद मिलती है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।
कोविड के कारण राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में बाधा आई थी। 38 वें राष्ट्रीय खेलों से पहले 36 वें राष्ट्रीय खेल गोवा में और 37 वें राष्ट्रीय खेल छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित हैं। लेकिन अभी इन खेलों पर भी कुहासा पड़ा हुआ है। बावजूद इसके उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को लेकर अपनी तैयारियां जारी रखे हुए है। हालांकि राज्य को अपने ढांचागत विकास में स्टेडियम से लेकर खेल गांव व अन्य कई सुविधाएं जुटानी है। कई संसाधन जुटाए गए हैं तो कई संसाधन जुटाने बाकी है। खेल विभाग के संयुक्त निदेशक धर्मेन्द्र भट्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय खेलों के लिए बजट में किया गया प्रावधान निश्चित तौर पर संसाधन जुटाने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को लेकर खेल से जुड़ा हर कोई प्रतिबद्ध नजर आ रहा है। द्रोणाचार्य अवार्डी व एथलेटिक्स कोच अनूप बिष्ट के मुताबिक बजट के अलावा राज्य सरकार को खेल कोटे पर भी ध्यान देना चाहिए। खिलाड़यिों को संभालने की जिम्मेदारी भी सरकार को लेनी होगी। खेलों में पूर्व में चार प्रतिशत कोटे को पुर्नजीवित किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय खेलों की तैयारी बहुत पहले से करना जरूरी है। क्योंकि हमारे पास जूनियर स्तर पर टीम अच्छी है लेकिन सीनियर स्तर पर प्रतिभाग करने के लिए पर्याप्त खिलाड़ी नहीं हैं।
उत्तराखंड तीरंदाजी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र तोमर के अनुसार, राष्ट्रीय खेलों के लिए बजट में 110 करोड़ का प्रावधान सराहनीय कदम है। खेलों से पूर्व में अपने प्रदेश में खेल मैदान एवं खेल सुविधाएं, उपकरणों की व्यवस्था अभी से होनी चाहिए। तीरंदाजी संघ लम्बे समय से तीरंदाजी ग्राउंड की मांग कर रहा है, जमीन का चयन भी हो चुका है। लेकिन उस प्रस्ताव की फाइल शासन में धूल फांक रही है। तीरंदाजी में बेहद संभावना है। उत्तराखंड में प्रतिभा है।
यदि हमारे पास तीरंदाजी का मैदान हो तो हम इसके एक साल के अंदर बहुत अच्छे परिणाम दे सकते हैं। बॉक्सिंग कोच दुर्गा थापा क्षेत्री के अनुसार, राष्ट्रीय खेलों के लिए इस राशि का मिलना महत्वपूर्ण है। खेलों के मामले में छवि का बहुत महत्व है। यदि हम अच्छे से इसका आयोजन कर पाए तो इसका परिणाम सुखद होगा। हमारे खेल का स्तर बढ़ेगा, खेल प्रतिभाओं को भी फायदा होगा।

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