शाबाश! निहारिका 1000 सैल्यूट

    • कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर दो किमी अस्पताल ले गई
    • अपनों को कंधा न देने वाले संवेदनहीन समाज को दिखाया आइना
    • लोग फोटो खींचने में रहे मशगूल, मदद के लिए नहीं बढ़ाया हाथ
    • सोशल मीडिया पर तेजी वाइरल हो रही तस्वीर

    गुवाहाटी। एक ओर देश के विभिन्न राज्यों से खबरें यदाकदा सुनने को मिलती हैं कि कोरोना संक्रमण से मौत होने पर परिजन दाह संस्कार करने के लिए भी राजी नहीं होते है। लेकिन असम के नगांव की रहने वाली महिला निहारिका दास समाज के लिए एक बेहतरी मिसाल पेश की। निहारिका अपने कोरोना संक्रमित ससुर पीठ पर उठाकर दो किमीटर पैदल चलकर अस्पताल ले गई। शर्मनाक बात यह है कि संवेदनहीन लोग फोटो खींचने मंे मशगूल रहे। लेकिन मदद के लिए किसी ने आगे हाथ नहीं बढ़ाया। इन दिनों निहारिका दास की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जानकारी के अनुसार निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास राहा क्षेत्र के भाटिगांव में सुपारी विक्रेता थे। 2 जून को थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण दिखे थे। उनके घर तक ऑटो रिक्शा नहीं आ सकता था और ससुर की हालत बिगड़ती जा रही थी। उस वक्त घर में कोई और मौजूद नहीं था। निहारिका का पति सिलीगुड़ी में नौकरी करते हैं। निहारिका ने ससुर को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैंड तक ले गई और फिर स्वास्थ्य केंद्र पर वाहन से निकालकर अस्पताल के अंदर ले गई।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here