दून से चारधाम यात्रा की भीड़ को कंट्रोल करना हास्यास्पद: हाईकोर्ट

  • पटर्यन सचिव को लगाई लताड़, 16 जून को जवाब दाखिल करने के निर्देश
  • कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी पर भी नाराजगी
  • 23 जून तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पर्यटन व्यवस्थाओं को लेकर सचिव को फटकार लगाई है। इसके अलावा कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारियों पर नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि पर्यटन प्रदेश में जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है। इस दिशा में सरकार बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और सचिदानंद डबराल की याचिका पर जारी सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि देहरादून में बैठकर चारधाम यात्रा की भीड़ को कंट्रोल करने का दावा हास्यास्पद है। हाईकोर्ट ने पर्यटन सचिव दिलीप जालवकर को 16 जून को व्यक्तिगत तौर कोर्ट में पेश होने और स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को 23 जून तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पर्यटन सचिव चारधाम यात्रा का रोडमैप प्रस्तुत करें। साथ ही नैनीताल, मसूरी आदि पर्यटक स्थलों में कोरोना संक्रमण के बीच अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों के साथ आम लोगों को कैसे सुरक्षित रखा जाए, इसे लेकर पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।

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