दो दिग्गज आमने-सामने
- टिहरी बांध को कथित रूप से निजी हाथों में सौंपने के विरोध में ऋषिकेश में धरने और उपवास पर कांग्रेसियों संग बैठे हरीश रावत
- इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अडानी पर खूब कसे तंज
- कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश के ‘त्रिवेंद्र नहीं, मोदी चाहते हैं टिहरी बांध का निजीकरण’ बयान का सीएम ने उठाया सवाल
- त्रिवेंद्र ने किया पलटवार, कहा- ‘हरीश रावत को रात को सपना आता है और वह सुबह धरने पर बैठ जाते हैं’, जनता को भ्रमित न करें
ऋषिकेश। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत आज गुरुवार को टिहरी बांध को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में ऋषिकेश में धरने और उपवास पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अडानी पर खूब तंज कसे। उन्होंने बड़े जनआंदोलन की चेतावनी भी दी।
हरीश रावत के उपवास की घोषणा के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी तंज कसते हुए कहा, ‘टिहरी बांध को निजी हाथों में सौंपने की जानकारी मेरे पास नहीं है। ऐसा होता तो मुझे पता होता।’ उन्होंने कहा कि हरीश रावत को रात को सपना आता है और वे सुबह धरने पर बैठ जाते हैं। ऐसा करके वे जनता को भ्रमित करने का काम न करें। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर वार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि सीएम को अगर इतना ही भरोसा है तो वह विधानसभा में सत्र बुलाकर प्रस्ताव पास कर दें कि इसका निजीकरण नहीं होगा तो विश्वास आ जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि पूरी भाजपा अडानी और बड़े उद्योगपतियों के आगे नतमस्तक है। सीएम त्रिवेंद्र नहीं चाहेंगे कि बांध का निजीकरण हो, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने तो कह भी दिया है कि ऐसा होगा। अब अगर मोदी जी ने कह दिया है तो फिर सीएम भी क्या कर पाएंगे। ऐसे में अब उन्हें ये करना ही पड़ेगा। हरीश रावत ने कहा कि इसके लिए बात कर अन्य विकल्प तलाशना चाहिए था। मानव अधिकार आयोग ने भी इस मामले में आदेश दिए थे, लेकिन सरकार को किसी भी परवाह नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा के पास गरीबों के लिए दिल नहीं है। गरीबों के लिए इनका दिल नहीं धड़कता। भाजपा के राज में अगर कोई मारा जा रहा है तो वह केवल गरीब ही है।