6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन

  • नेहरू के दौर से थे राजनीति में सक्रिय
  • पहली बार 1962 में चुने गए थे सांसद
  • दिग्गज नेता के मृत्यु से कांग्रेस को भारी क्षति
  • वर्तमान में अर्की से थे विधायक

शिमला। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री 87 साल के वीरभद्र सिंह का आज वीरवार सुबह निधन हो गया है। उन्होंने शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में करीब पौने चार बजे अंतिम सांस ली। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। वह जवाहर लाल नेहरू के दौर से राजनीति में सक्रिय थे। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए। उसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी चुने गए। वीरभद्र वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लोकसभा के लिए वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में चुने गए। वर्तमान में वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे। इंदिरा गांधी की सरकार में वीरभद्र सिंह दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही वर्ष 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व की केंद्र की यूपीए सरकार में वीरभद्र सिंह 28 मई 2009 से लेकर 18 जनवरी 2011 तक कैबिनेट मंत्री रहे। उनके पास पहले इस्पात मंत्रालय रहा। उसके बाद उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय दिया गया।

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