- पूर्व सीएम हरीश रावत ने फिर छेड़ा दल बदल करने वाले कांग्रेसी विधायकों का मामला
- कहा ‘घोंसला बदलने वाली अधिकतर चिड़ियाएं चुप हैं, शायद उनको आंगन सूखा दिखाई दे रहा है’
देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर वर्ष 2016 में पाला बदलने वाले विधायकों के मामले को छेड़ा है। इस बार उन्होंने इशारों में बात की है और कहा… ‘घोंसला बदलने वाली कुछ चिड़ियाएं बहुत चहचहा रही हैं, शायद उनके आंगन में कुछ दाने हैं। मगर घोंसला बदलने वाली अधिकतर चिड़ियाएं चुप हैं, शायद उनको आंगन सूखा दिखाई दे रहा है।’
हरीश रावत ने एक टीवी इंटरव्यू में कुछ दिन पहले ही वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़ कर गए नौ कांग्रेसी विधायकों के लिए कहा था कि वह उनको माफ करने को तैयार हैं, बशर्ते ये विधायक लोगों से माफी मांगे। इस पर कांग्रेस में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। मगर भाजपा में पैठ बना चुके ऐसे अधिकतर विधायकों ने चुप रहना ही बेहतर समझा था। पूछे जाने पर हरक सिंह, सुबोध उनियाल आदि कुछ विधायक बोले जरूर थे, लेकिन पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज खासे मुखर हैं। महाराज ने रविवार को भी बयान जारी कर हरीश रावत से सवाल पूछा था।
फेसबुक पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा… ‘बहेलिया घाघ हो चुका है, उसकी निगाहें सतर्क हैं।’ शायद इशारों में ही हरीश रावत यह जताने की कोशिश भी कर रहे हैं कि भाजपा आलाकमान भी इस मामले पर नजर रखे हुए है। बहरहाल इस पर उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की। इसके साथ ही पूर्व सीएम ने फीस वृद्धि का विरोध कर रहे आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्रों का भी समर्थन किया। फेेसबुक पर विरोध कर रहे छात्रों के साथ एक फोटो को शेयर करते हुए रावत ने लिखा कि छात्रों का साथ दे रहा मोहित तिवारी न्याय की लड़ाई लड़ रहा है। रावत ने लिखा कि सरकार ने आयुर्वेदिक कॉलेज संचालकों के सामने हथियार डाल दिए हैं।