पीएफ की करोड़ों की सब्सिडी हड़प गईं सवा छह सौ कंपनियां!

— — — — सब गोलमाल है — — — —

  • दिल्ली ​स्थित ईपीएफओ मुख्यालय में जांच के दौरान हुआ इस धांधली का खुलासा
  • प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत फार्म—11 को भरे ​बिना पैसा​ किया हजम
  • करीब 150 उद्योगपतियो और शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को भेजे नोटिस
  • इस गड़बड़झाले का पर्दाफाश होने पर आरोपी कंपनी संचालकों में मचा हड़कंप

हल्द्वानी। देशभर में उद्योगों को प्रोत्साहन देने और श्रमिकों की दशा सुधारने के लिये केंद्र सरकार की ​विभिन्न योजनाओं से किस प्रकार से उद्योगों, कंपनियों और शिक्षण संस्थाओं के स्वामी अपनी जेबें भरने में लगे हैं, इसका खुलासा दिल्ली ​स्थित ईपीएफओ मुख्यालय में जांच के दौरान हुआ है। जिसमें कुमाउं मंडल की करीब सवा छह सौ कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियों के मालिकों ने प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत फार्म—11 को भरे ​बिना केंद्र सरकार से कर्मचारियों के लिये मिलने वाली पीएफ की सब्सिडी की करोड़ों की राशि मजदूरों के खातों में जमा करने के बजाय खुद ही हड़प ली। इस धांधली का खुलासा होने पर इन कंपनी संचालकों में हड़कंप मचा है।
दिल्ली ​स्थित ईपीएफओ मुख्यालय में जांच के दौरान पता चला कि कुमाउं मंडल की करीब सवा छह सौ कंपनियों के मालिकों ने अपने पुराने कर्मचारियों को नयी नियुक्ति दिखाकर उन्हें मिलने वाली 12 फीसद सब्सिडी के करोड़ों रुपये खुद हजम कर लिये। इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब इन कंपनियों के संचालकों द्वारा भेजे गये आधार कार्ड और उनके पीएफ के यूनिवर्सल खाते नंबर का मिलान किया गया।
इस बारे में ईपीएफओ के कुमाउं कमिश्नर आशीष कुमार का कहना है कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के ईपीएफ से जुड़े फार्म—11 को सही—सही भरकर देने की जिम्मेदारी कंपनी मालिकों की होती है। उन्होंने बताया कि इनमें से करीब 150 उद्योगपतियों और कारोबारियों और शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को नोटिस भेज दिये गये हैं। इन सभी को स्पष्टीकरण देने के लिये 10 दिन का समय दिया गया है। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर इन सभी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। इस धांधली का खुलासा होने पर इन कंपनियों के संचालकों में हड़कंप मचा है।

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