गांगुली-भाजपा के बीच बंगाल की डील!

सियासत का खेल

  • 10 महीने बीसीसीआई चीफ रहेंगे सौरभ गांगुली, फिर राजनीति में एंट्री की चर्चायें
  • गांगुली ने शनिवार रात को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की थी मुलाकात
  • प. बंगाल में 2021 में चुनाव होने हैं और गांगुली हो सकते हैं भाजपा का चेहरा

मुंबई। गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इस तरह की चर्चायें फिजाओं में तैरने लगी हैं कि बीसीसीआई चीफ का 10 महीने का कार्यकाल खत्म होने के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली राजनीति में एंट्री करेंगे। चर्चाओं के अनुसार ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ के नाम से मशहूर गांगुली वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा का चेहरा बनने को तैयार हो गए हैं। हालांकि अमित शाह और गांगुली दोनों ही इन बातों से साफ इनकार कर रहे हैं।
इन बदले हालात में गांगुली का केवल 10 महीने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के लिए तैयार होना भी कई सवाल भी खड़े कर रहे हैं। दरअसल अध्यक्ष बनना गांगुली के लिए फायदा से ज्यादा नुकसान वाली डील है। अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली को कमेंट्री और मीडिया कॉन्ट्रैक्ट से मिलने वाले करीब सात करोड़ रुपये का नुकसान होगा। जब वह बीसीसीआई अध्यक्ष बन जाएंगे तो ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा टीम इंडिया की कोचिंग का उनका सपना भी दूर की कौड़ी हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गांगुली कई मौकों पर कह चुके हैं कि वह भारतीय टीम का कोच बनने के ख्वाहिशमंद हैं। कहा जा रहा है कि गांगुली अध्यक्ष बनने के लिए इसलिए तैयार हुए हैं क्योंकि वह बंगाल में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा बनने का ऑफर स्वीकार करेंगे। जब तक बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर उनका कार्यकाल खत्म होगा तब तक बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आ जाएंगे। हालांकि जब गांगुली से जब पूछा गया कि क्या वह 2021 में भाजपा का बंगाल में चेहरा होंगे, गांगुली ने कहा,’कोई राजनेता मेरे संपर्क में नहीं है और यही हकीकत है। जहां तक ममता दीदी की बात है तो मैं उनका बधाई संदेश पाकर काफी खुश हूं।’ लेकिन एक हकीकत यह भी है कि गांगुली अमित शाह, अनुराग ठाकुर और हेमंत बिस्वा शर्मा से भी मिले हैं।
पश्चिम बंगाल में 2021 में चुनाव होने हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि गांगुली तब राज्य में भाजपा का चेहरा हो सकते हैं। हालांकि, ठाकुर और हेमंत बिस्वा सरमा में से कोई भी इस बारे में कोई जानकारी शायद ही देगा। पश्चिम बंगाल में कुछ साल पहले तक भाजपा का कोई प्रतिनिधि तक नहीं था।
47 वर्षीय गांगुली को केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और असम के भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा का भी साथ मिला। भाजपा का साथ जिस तरह गांगुली को मिला, उससे कई अटकलें लगाई जा रही हैं। गांगुली ने एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर किया जिसमें वह अनुराग ठाकुर के साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष को धन्यवाद भी दिया। गांगुली ने बीते शनिवार रात को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से माना जा रहा था कि वह ही अगले बीसीसीआई अध्यक्ष हो सकते हैं।
गांगुली को इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आपको आपके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं। हमें बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर भी आपके कार्यकाल पर गर्व रहा है। अगली शानदार पारी के लिए शुभकामना।’
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में सफाई देते हुए कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। गांगुली के साथ उनकी किसी प्रकार की कोई डील नहीं हुई। शाह ने कहा, ‘‘बीसीसीआई का अध्यक्ष कौन होगा, यह सब मैं तय नहीं करता। इसके लिए बीसीसीआई की अपनी चुनाव प्रक्रिया है। गांगुली के साथ मेरी इस बारे में कोई डील या मीटिंग नहीं हुई।’’
शाह से पूछा गया कि गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष पद के बदले पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव 2021 में भाजपा का चेहरा होंगे? इस पर गृह मंत्री ने कहा,‘यह सिर्फ सौरव गांगुली के खिलाफ गलत बातें कही जा रही हैं। वैसे भी हमें बंगाल में किसी चेहरे की जरूरत नहीं। बगैर चेहरे के भी हमने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती थीं। इसका मतलब यह नहीं कि चेहरों की जरूरत ही नहीं, लेकिन हम किसी एक के बगैर भी चुनाव जीत सकते हैं।’
हालांकि पिछले साल शाह ने गांगुली से मुलाकात की थी। साथ ही सौरव के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी चल रही हैं। इसके सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘वह (गांगुली) मुझसे मिलने कभी भी आ सकते हैं। मैं क्रिकेट से कई सालों तक जुड़ा रहा हूं। सौरव गांगुली और मेरी मुलाकात में कोई दिक्कत नहीं है।’ गांगुली के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 23 अक्टूबर को होगी। वे 10 महीने के लिए बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। इनके अलावा अमित शाह के बेटे जय को सचिव पद के लिए और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल को कोषाध्यक्ष चुना गया है।

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