देहरादून। सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग के अंतर्गत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड की सहकारिताओं की सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं कृषकों के जीवन स्तर में सुधार हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के साथ ही प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। इसके लिए साईलेज (पशुओं हेतु चारा) उत्पादन एवं वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि अदरक की संयुक्त सहकारी खेती कृषकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में रोजवैली नर्सरी निर्माण से अल्मोड़ा में पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। कृषकों द्वारा बंजर छोड़ी गयी भूमि भी उपयोग में लायी जा सकेगी।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि मंडुवा एवं झंगौरा हेतु कलस्टर विकास परियोजना को और अधिक बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूशनल बाईंग (संस्थागत खरीद) पर फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडुवा एवं झंगौरा को मिड डे मील में प्रयोग किया जा सकता है। बड़ी मात्रा में उपभोग होने से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन एवं मौन पालन के क्षेत्र में और अधिक फोकस किए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव वी षणमुगम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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