उत्तराखंड में यहाँ मिला डिप्थीरिया का संदिग्ध मरीज, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट…

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में एक किशोरी को संदिग्ध डिप्थीरिया ग्रसित होने का मामला रिपोर्ट हुआ है। स्वास्थ्य ने सतर्कता अपनाते हुए मरीज का स्वैब नमूना लेकर जांच के लिए दिल्ली भेज दिया है। वहीं दो रेपिड रिस्पांस मेडिकल टीमों ने मरीज के गांव का दौरा करते हुए ग्रामीणों की हेल्थ स्क्रीनिंग कर सर्व किया। राहत की बात है कि सर्वे में कोई भी ग्रामीण डिप्थीरिया से पीड़ित नहीं पाया गया।

रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि अगस्त्यमुनि इलाके में रहने वाली 17 साल की किशोरी में डिप्थीरिया के लक्षण दिखाई दिए गए हैं। किशोरी को डिप्थीरिया का संदिग्ध मरीज मानते हुए स्वैब सैंपल जांच के WHO की लैब दिल्ली भेजा गया है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में की गई जांच…

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आशुतोष के नेतृत्व में मेडिकल टीम प्रथम डा. शिवानी जोशी, फार्मेसिस्ट नारायण सिंह नेगी, लैब टैक्नीशियन अमरीब सिद्दकी, कक्ष सेवक चंद्रमोहन व टीम द्वितीय डा. नेहा सैनी, फार्मेसिस्ट केके सेमवाल, लैब टैक्नीशियन मोनिका बेंजवाल व कक्ष सेवक कुलदीप ने गांव का भ्रमण कर ग्रामणों की स्वास्थ्य की जांच की।

डिप्थीरिया से कोई भी ग्रामीण नहीं पाया गया पीड़ित…

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आशुतोश ने बताया कि स्वास्थ्य जांच व सर्वे में कोई भी ग्रामीण डिप्थीरिया से पीड़ित नहीं पाया गया। बताया कि संदिग्ध मरीज को उसके घर पर आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा है। बताया कि गले में दर्द व सूझन, बुखार व खांसी डिप्थीरिया के लक्षण है व संदिग्ध मरीज की स्थिति में सुधार है।

क्या है डिप्थीरिया संक्रमण…

डॉक्टरों ने मुताबिक डिप्थीरिया का संक्रमण होने से सांस नली में एक झिल्ली बन जाती है, जिस कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। बताया कि यह संक्रामक बीमारी है, इसलिए एहतियात बरतते हुए दो रैपिड रिस्पांस मेडिकल टीमों का तत्काल गठन कर संबंधित गांव में ग्रामीणों की डिप्थीरिया की जांच व सर्वे किया गया, जिसमें किसी भी ग्रामीण में डिप्थीरिया के लक्षण नहीं मिले।

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