सरकारी इंतजाम और ऑपरेशनल प्लानिंग की पोल खोल रहा नक्सली हमले के बाद का वीडियो!

  • बीजापुर में 30 जवान शहीद होने की आशंका; घटनास्थल पर पड़े हैं 20 शव, 24 घंटे बाद भी नहीं पहुंची रेस्क्यू टीम

जगदलपुर। बस्तर के बीजापुर में बीते शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया। एसपी ने बताया कि हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आशंका जाहिर की है कि ये संख्या 30 हो सकती है। ग्राउंड जीरो का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें 20 जवानों के शव घटनास्थल पर ही दिखाई दे रहे हैं। वीडियो घटना के 24 घंटे बाद सामने आया और तब तक रेस्क्यू टीम यहां नहीं पहुंची थी। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 700 जवानों को नक्सलियों ने बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेर लिया था। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं। करीब 30 जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद 23 जवान लापता हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फर्स्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है। 20 दिन पहले यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।

ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल : सीआरपीएफ के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों में खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।
नक्सलियों ने जवानों पर 3 तरफ से बरसाई थीं गोलियां : सुरक्षा बलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार रात को ही सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो, सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स के दो हजार जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी।
पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि मौके पर 180 नक्सलियों के अलावा कोंटा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी और बासागुड़ा एरिया कमेटी के लगभग 250 नक्सली भी थे। सूचना मिली है कि नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को ले गए हैं।
सीआरपीएफ के डीजी छत्तीसगढ़ पहुंचे : इस बीच सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह भी छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। बीजापुर में हुए ऑपरेशन के बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें लोकेशन पर जाने के निर्देश दिए थे। गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से भी संपर्क में हैं।
छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी 5 जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिए किया था।
शांति वार्ता प्रस्ताव भेजने के बाद से तेज हुए हमले : नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखी थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।

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