1316 करोड़ की जायदाद : माया के भाई की और बढ़ेंगी मुश्किलें!

बुरी फंसी ‘बहनजी’

  • बसपा सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार और भाभी के नाम पर संपत्तियां खरीदकर ब्लैक मनी को एडजस्ट करने का मामला
  • अब इस मामले में सीबीआई और ईडी भी केस दर्ज करेगी, इससे आने वाले दिनों में मायावती तक भी पहुंच सकती है इसकी आंच 

नोएडा। बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के सात एकड़ के प्लॉट को जब्त कर मोदी सरकार ने बेनामी संपत्ति के खिलाफ अभियान को तेज करने का संकेत दे दिया है। इस प्लॉट की कीमत करीब 400 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बेनामी संपत्ति का पंडारा खुल सकता है। आनंद कुमार की कुल संपत्ति करीब 1316 करोड़ की बताई जा रही है। 
आरोप है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2007 से लेकर 2017 तक कई लोगों ने बेनामी जमीन खरीदकर कालेधन को एडजस्ट किया है। नोएडा के चार बिल्डरों के नाम तो मॉरीशस कनेक्शन के जरिए मनी लांड्रिंग के घेरे में आ चुके हैं। इस कार्रवाई के बाद माया के भाई की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं। 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बसपा सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार की फर्जी कंपनियों की शिकायत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी से की थी। उस दौरान केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब कोई जांच भी शुरू नहीं की गई। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद इन पर कार्रवाई शुरू हुई। 
नोटबंदी के दौरान आनंद ने दिल्ली के एक बैंक में अपने खाते में एक करोड़ 43 लाख रूपये की नकदी जमा कराई थी, जिसके चलते वह सुर्खियों में आ गए थे। अब उनकी आय भी 1316 करोड़ तक पहुंच गई है। वर्ष 2007 से लेकर 2012 में जब प्रदेश में मायावती की सरकार थी और इस अवधि में आनंद कुमार ने 49 कंपनियां बनाई थीं। 
पिछले 20 सालों में अचानक से खरबपति बने आनंद कुमार की संपत्तियों पर आयकर विभाग पिछले कई साल से नजर रखे हुए था। आनंद ने पत्नी विचित्र लेखा के नाम से कई कंपनियां बना रखी थीं। इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली में करवाया गया था। उनका आईटी रिटर्न भी वहीं दाखिल किया जाता था। वर्ष 2007 से 2012 के दौरान यूपी में माया सरकार के दौरान इन्हीं में से एक कंपनी के नाम पर सेक्टर 94 में करीब सात एकड़ का कॉर्मिशयल प्लॉट खरीदा था।  करीब तीन साल पहले आयकर विभाग की दिल्ली बेनामी जांच यूनिट को इस खरीद में बेनामी पैसा इस्तेमाल होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी थी। हालांकि आनंद ने जांच के दौरान बताया कि उसने दूसरी कंपनियों से लोन लेकर इस प्लॉट को खरीदा था।
आईटी सूत्रों के मुताबिक, नोएडा में सेक्टर-94 के जिस प्लॉट को जब्त किया गया है वह 28,328 वर्ग मीटर का है। इसे खरीदने के लिए मुखौटा कंपनियों का सहारा लिया गया था। तब विजन टाउन प्लानर नामक कंपनी से मार्च 2011 में इस प्लॉट को छह करोड़ में खरीदा गया था। इसके बाद बोगस कंपनी की तरफ से 400 करोड़ रूपये का भुगतान शेयर प्रीमियम के आधार पर किया गया। इस ट्रांजेक्शन के बारे में जब आयकर विभाग ने आनंद कुमार से जवाब मांगा तो वह जवाब नहीं दे सके कि यह पैसा किसका है। इसी वजह से इस प्लॉट को बेनामी संपत्ति मानते हुए इसे जब्त करने की कार्रवाई की गई है। आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब इस मामले में सीबीआई और ईडी भी केस दर्ज करेगी। इसका साफ अर्थ है कि आने वाले दिनों में इसकी आंच मायावती तक भी पहुंच सकती है।

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