‘पहले अपने दो हजार करोड़ का हिसाब दे भाजपा’

भाई का प्लॉट जब्त करने पर बरसीं बहनजी

  • बसपा सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने भाई आनंद कुमार के खिलाफ इनकम टैक्स की कार्रवाई के बाद भाजपा सरकार पर जमकर बोला हमला 
  • लगाया आरोप कि भाजपा को वंचित और दलित समाज के लोगों के आगे बढ़ने से तकलीफ है, उनके खिलाफ भाजपा और संघ के हथकंडे नहीं होंगे कामयाब 

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की बेनामी संपत्ति जब्त होने के बाद भाजपा सरकार पर पलटवार किया है। मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा को वंचित और दलित समाज के लोगों के आगे बढ़ने से तकलीफ होती है। भाजपा को पहले चुनाव के दौरान मिले दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा और संघ  उनके खिलाफ किसी भी हथकंडे में कामयाब नहीं होने वाले हैं। 
माया ने आगे कहा, ‘भाजपा के लोग पहले अपने गिरेबां में झांककर देखें, अगर फिर भी खुद को हरिश्चंद मानकर चलते हैं तो फिर एक बार अपनी पार्टी के लोगों और उनके परिवारों की एक बार जरूर जांच करवा लें कि राजनीति में आने से पहले उनके पास कितनी संपत्ति थी और अब कितनी हो गई है।’ 
उन्होंने कहा,’चुनाव के दौरान अखबारों में भी छपा था कि लगभग दो हजार करोड़ से ज्यादा रुपये भाजपा के बैंक खातों में आए हैं, लेकिन आज तक खुलासा नहीं हुआ कि किसने पैसे भेजे। क्या यह बेनामी संपत्ति नहीं है? उसी पैसे से ये गरीबों से वोट खरीदकर सत्ता में बैठे हुए हैं। चुनाव जीतने के लिए इन्होंने इवीएम में भी खराबी की और अब हर तरह से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं।’ 
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कंपनी के लोगों से पूछना चाहती हूं कि जबसे दोबारा सत्ता में आए हैं, पूरे देश में पार्टी नाम से अरबों-खरबों की प्रॉपर्टी खरीदी है। जब इनका खुलासा हो जाएगा तो वंचित लोगों की आवाज दबाने की कोशिश में ये सफल नहीं हो पाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘दलितों, गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों के साथ उनकी बहन जी खड़ी है। किसी और के साथ भी ऐसी ज्यादती होगी तो हमारी पार्टी उनके साथ खड़ी होगी।’ मायावती ने कहा, ‘रेलवे विभाग में और अन्य विभागों को निजी हाथों में देने के फैसले से साफ जाहिर होता है कि आरक्षण की व्यवस्था जो संविधान में दी गई है, इसके जरिए उसे खत्म करने में लगे हैं। यह काफी गंभीर बात है। सरकारी नौकरियां पहले से ही खत्म रहे हैं और प्राइवेट सेक्टरों में आरक्षण है नहीं। मैं अपने वंचित वर्ग के लोगों से कहना चाहूंगी कि कारोबार करना चाहिए और व्यापार में भी जाना चाहिए।’

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