मुंबई। आज गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के मुंबई स्थित घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। उन पर हिमालयल के योगी और आध्यात्मिक गुरु के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप है। सेबी ने 11 फरवरी को रामकृष्ण पर जुर्माना लगाया था। मार्केट रेगुलेटर ने एक्सचेंज की गोपनीय जानकारी को किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा करने के लिए चित्रा पर 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। रामकृष्ण ने दिसंबर 2016 को सीईओ का पद छोड़ दिया था।
चित्रा रामकृष्ण हिमालय के अदृश्य योगी की सलाह पर फैसले लेती थीं। इन्हीं बाबा की सलाह पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया था।
चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी एवं सीईओ थीं। इस दौरान वह एक अनाम योगी से प्रभावित होकर फैसले लेती थीं। चित्रा योगी को शिरोमणि कहती थीं, जो उनके मुताबिक एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। चित्रा के मुताबिक योगी अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकते थे।
आदेश में कहा गया है कि चित्रा ने हिमालय में रहने वाले एक ‘अज्ञात योगी’ के कहने पर आनंद सुब्रमण्यम को ग्रुप आपरेटिंग अधिकारी व प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया था। आयकर अधिकारियों ने कहा कि रामकृष्ण व अन्य के खिलाफ ये छापे कर चोरी व वित्तीय धांधली के आरोपों के मद्देनजर मारे गए हैं। ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के यहां भी छापेमारी हुई है। सेबी के आदेश में यह भी कहा गया है कि रामकृष्ण ने ‘योगी’ के साथ एनएसई की वित्तीय और व्यावसायिक योजनाओं, लाभांश परिदृश्य और वित्तीय परिणामों सहित कुछ आंतरिक गोपनीय जानकारियां भी साझा की। इससे उन लोगों को अवैध आर्थिक लाभ हुआ था।
सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यह कार्रवाई आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति के मामले में की गई थी। एक्सचेंज के कर्मचारियों के प्रदर्शन मूल्यांकन पर ‘योगी’ से परामर्श लिया। बीते दिनों सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया था। सेबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि एनएसई में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्त एक ‘योगी’ के कहने पर हुई थी। जबकि, सुब्रमण्यम को पूंजी बाजार का कोई अनुभव नहीं था। इसके साथ ही उनका 15 लाख का सालाना वेतन भत्तों का पैकेज बढ़ाकर 4 करोड़ के ऊपर कर दिया गया था।
सेबी के इस खुलासे के बाद हर कोई उस ‘आध्यात्मिक शक्ति’ वाले योगी के बारे में जानना चाहता है। सेबी का कहना है कि यह वही आध्यात्मिक शक्ति है, जिसके कहने पर एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण हर फैसला लेती थीं। इस आध्यात्मिक शक्ति को कभी भी देखा नहीं गया। सेबी के एक अधिकारी के मुताबिक चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई से जुड़े फैसले एक योगी के कहने पर लिए, जिसे कभी देखा भी नहीं गया। चित्रा रामकृष्ण को हिमालय में रहने वाले एक योगी ने प्रभावित किया था। एनएसई देश का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। इसमें रोजाना 49 करोड़ ट्रांजेक्शन होते हैं। एनएसई का एक दिन का टर्नओवर 64 हजार करोड़ रुपये है।