सियासत के रंग
- देहरादून में भाजपा कार्यालय से पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की नेमप्लेट हटने से चर्चाओं का बाजार गरम
- भट्ट के भविष्य को लेकर उठ रहे सवाल, उन्हीं के कक्ष में ही बैठ रहे हैं कार्यकारी अध्यक्ष
- सहमीडिया प्रभारी बलजीत सोनी ने दी सफाई- गिर गयी थी नेमप्लेट, संभाल कर रखी है
देहरादून। प्रदेश मुख्यालय से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की नेमप्लेट गायब होने से इन चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सियासत के जानकार कयास लगा रहे हैं कि कहीं यह अजय भट्ट की विदाई का तो संकेत नहीं है! भाजपा मुख्यालय में भी यह सवाल गूंजता रहा कि आखिर प्रदेश अध्यक्ष की नेम प्लेट किसी रणनीति के तहत तो नहीं हटायी गयी। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गयी हैं कि आखिर अजय के अध्यक्ष रहते नरेश बंसल को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की क्या जरूरत थी। देशभर में कई और प्रदेश अध्यक्ष और स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी चुनाव लड़ रहे हैं। केंद्रीय स्तर पर भी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गयी।
भट्ट की नेम प्लेट न मिलने पर कार्यकर्ता भी एक-दूसरे से चर्चा करते नजर आये। इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या कार्यकारी अध्यक्ष सिर्फ चुनाव तक के लिए बनाये गये हैं या फिर पार्टी ने अजय को विदा करने का समय तय कर लिया है। गौरतलब है कि अजय चुनाव के चलते पहले से ही कार्यकाल विस्तार पर चल रहे हैं। वर्तमान में वह नैनीताल से भाजपा के प्रत्याशी हैं। बंसल भट्ट के कक्ष में ही बैठ रहे हैं। वह लोगों से इसी कक्ष में मुलाकात कर रहे हैं और विधायकों के साथ बैठकें भी कर रहे हैं।
हालांकि बाद में यह मामला गरमाने पर सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी ने इस पर सफाई देते हुए बताया कि पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत की ज्वाइनिंग के लिए मुख्यालय में मंच बनाया गया था। मंच लगाने वाले मजदूरों ने एक रस्सी भट्ट की नेम प्लेट के साथ बांध दी थी। प्लेट वजन नहीं सह पायी और उखड़ गई। जिसके बाद नेम प्लेट को अंदर रख दिया गया। हालांकि यह किसी तरह की कोई साजिश नहीं है। जल्द नेमप्लेट दोबारा लग जाएगी। इसी क्रम में चार दिन पहले बंसल को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद से ही भाजपा में कयासबाजी शुरू हो गयी थी। जो अब नेमप्लेट न दिखने पर और तेज हो गयी। भट्ट समर्थक किसी साजिश के तहत इसे उनके अपमान के रूप में देख रहे हैं।