दो ‘गंगापुत्रों’ के बाद अब साध्वी पद्मावती आमरण अनशन पर

गंगा में अवैध खनन से मातृ सदन आहत

  • मातृ सदन की अनुयायी साध्वी पद्मावती ने केंद्र पर जड़ा वादा खिलाफी का आरोप
  • गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग को लेकर दो संत दे चुके हैं प्राणों की आहुति

हरिद्वार। यहां मातृ सदन की अनुयायी साध्वी पद्मावती आज रविवार से गंगा रक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गई हैं।
गौरतलब है कि मातृसदन से जुड़े दो संत गंगा की रक्षा के लिए अनशन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे चुके हैं। वर्ष 2011 में ब्रह्मचारी निगमांनद ने गंगा में अवैध खनन बंद करने की मांग को लेकर अनशन किया था। बाद में उनका देहावसान हो गया था। इसी तरह वर्ष 2018 में जाने-माने वैज्ञानिक रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल ने भी गंगा की रक्षा के लिए अनशन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान किया था।
साध्वी का कहना है कि केंद्र सरकार ने वादा खिलाफी की है। केंद्र सरकार को जल्दी ही गंगा एक्ट बनाना चाहिए। इसके अलावा उत्तराखंड में प्रस्तावित चार जल विद्युत  परियोजनाओं को तुरंत निरस्त करने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि बार-बार वादा करने के बाद भी गंगा में समुचित जल नहीं छोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृ सदन के पत्र पर जून के महीने में तुरंत कार्रवाई की थी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने मातृ सदन की सभी मांगों को मान लेने की बात दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल से कही थी। जबकि राज्य सरकार उदासीन बनी हुई है।
इस मौके पर स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि जब रायवाला से भोगपुर तक गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक लगाने की बात लिखित में कही गई है तो फिर श्यामपुर में खनन कैसे शुरू कराया गया। उन्होंने कहा कि अब तो राज्य सरकार हरिद्वार में गंगा में खुलेआम अवैध खनन करा रही है। इसलिए उनके आश्रम की अनुयायी साध्वी पद्मावती ने गंगा की रक्षा के लिए अनशन करने का निर्णय लिया है।

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