किसान आंदोलन पर बोले नसीरुद्दीन : ‘खामोश रहना जुल्म करने वाले की तरफदारी’!

नामचीन अभिनेता ने कसे तंज

  • बॉलीवुड की चुप्पी पर कहा- धुरंधरों ने इतना कमाया कि सात पुश्तें खा सकें, फिर क्या खोने का डर?
  • किसान आंदोलन को तितर-बितर करने के लिए अब सरकार के काम आएगा बर्ड फ्लू का बहाना
  • लव जिहाद का मुद्दा बना तमाशा, कहा- यह हिंदुओं और मुसलमानों का इंटरेक्शन बंद करने के लिए

मुंबई। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर बॉलीवुड के दिग्गजों की चुप्पी पर नामचीन अभिेनेता नसीरुद्दीन शाह ने तीखा हमला किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हमारी फिल्म इंडस्ट्री के जो बड़े-बड़े धुरंधर हैं, वो खामोश बैठे हैं। इसलिए कि उन्हें लगता है कि बहुत कुछ खो सकते हैं। अरे भाई, जब आपने इतना धन कमा लिया कि आपकी सात पुश्तें बैठकर खा सकती हैं तो कितना खो दोगे आप?’
नसीरुद्दीन ने कहा, ‘सब कुछ अगर तबाह हुआ तो आपको अपने दुश्मनों का शोर नहीं सुनाई देगा। आपको अपने दोस्तों की खामोशी ज्यादा चुभेगी। हम यह नहीं कह सकते कि अगर किसान कड़कड़ाती सर्दी में वहां बैठे हुए हैं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे उम्मीद है कि किसानों का ये प्रदर्शन फैलेगा और आम जनता इसमें शामिल होगी। वो होना ही है। मैं ऐसा मानता हूं कि खामोश रहना जुल्म करने वाले की तरफदारी करना है।’
शाह ने देश के मौजूदा माहौल पर कहा कि अगर आज के दौर में हम यह भी कह दें कि हम हिंदुस्तानी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको एंटी नेशनल बना दिया जाएगा। अगर कह दें कि हम हिंदुस्तानी एक-दूसरे का लिहाज नहीं करते तो आप गद्दार हुए। अगर कह दें कि हिंदी फिल्में पसंद नहीं हैं तो आप गद्दार हो गए। आपको पाकिस्तान चले जाना चाहिए।’
नसीरुद्दीन ने लॉकडाउन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान दो-चार घंटे का वक्त देकर लॉकडाउन घोषित किया गया। नहीं मालूम कि वो जायज था या नहीं। सबकी अपनी-अपनी राय है। लेकिन शाहीन बाग के आंदोलन को तितर-बितर करने के लिए वो जरूरी था। बहुत बढ़िया चाल थी और जो कि हो गया। अब ये बर्ड फ्लू फैला है तो मेरे खयाल से किसानों के आंदोलन को तितर-बितर करने के लिए इसका बहाना सरकार के बहुत काम आएगा।
शाह ने कहा कि लव जिहाद का तमाशा चल रहा है। एक तो जिन लोगों ने यह जुमला ईजाद किया है, उन्हें इसका मतलब ही मालूम नहीं। दूसरी बात यह कि मैं नहीं मानता कि कोई इतना बेवकूफ होगा कि उसे वाकई लगे कि एक दिन इस मुल्क में मुसलमानों की तादाद हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी। इसके लिए मुसलमानों को किस रफ्तार से बच्चे पैदा करने पड़ेंगे? मेरे ख्याल से यह बात बिल्कुल ढकोसला है। इसमें कोई यकीन नहीं करेगा। ये लव जिहाद का जो तमाशा किया गया है, वह सिर्फ हिंदुओं और मुसलमानों के सोशल इंटरेक्शन को बंद करने के लिए है कि आप शादी की बात तो सोचें ही नहीं। आपका मिलना-जुलना भी हम रोक देंगे, उनकी यही कोशिश है।

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