अब्दुल्ला, मुफ्ती ने कश्मीर नोचा-निचोड़ा : मोदी

  • लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान  कठुआ में एक जनसभा के दौरान एनसीपी और पीडीपी पर साधे निशाने 
  • प्रधानमंत्री ने कहा, ये देश को बांटना चाहते हैं लेकिन जब तक मोदी है, ऐसा नहीं होगा

कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के चुनावी वादे को लेकर बीजेपी पर लगातार हमलावर पीडीपी और एनसीपी पर मोदी ने रविवार को कठुआ की चुनावी रैली में अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर पलटवार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की तीन-तीन पीढ़ियों को इन दो परिवारों ने तबाह कर नोचा और निचोड़ा है। उन्होंने लोगों से दोनों दलों को जम्मू-कश्मीर से उखाड़ फेंकने की अपील की। मोदी ने इस दौरान कांग्रेस को भी निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि वह पाक परस्त अलगाववादियों को लेकर नरम है। 
रैली में मोदी मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार पर काफी आक्रामक नजर आए उन्होंने कहा, ‘मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार से मैं कहना चाहता हूं… यह मोदी है, यह ना डरता है, ना झुकता है और ना ही बिकता है। सूबे की बेहतरी के लिए इन दोनों परिवारों की विदाई जरूरी है। ये दो परिवार पूरे कुनबे को मैदान में उतार दें, चाचा, मामा, भाई, भतीजा, भांजा, साला… जितनी गालियां मोदी को देनी हैं, दे दो। पर इस देश के टुकड़े नहीं कर पाओगे।’
मोदी ने कहा, कांग्रेस कह रही है कि वह सत्ता में आई तो सेना के अधिकार छीन लेगी। ये जम्मू-कश्मीर से सेना हटाना चाहते हैं। ये सेना का मनोबल तोड़ने की साजिश है। पर ये इस बात को भूल गए हैं कि इनके और इनकी इस सोच के बीच मोदी दीवार की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि जब हम एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं तो पूरे देश को गर्व होता है। हमें सेना पर फख्र होता है। पर विपक्ष को बौखलाहट होती है। आखिर ऐसा क्यों है। आखिर इन्हें चुनाव में कौन समर्थन कर रहा है, जिस कारण इन्हें ये भाषा बोलनी पड़ रही है।
उन्होंने दो टूक कहा कि कांग्रेस के लिए सेना का मतलब सिर्फ और सिर्फ कमाई का एक जरिया है। ये सेना का मनोबल तोड़ना चाहते हैं जबकि मेरी सरकार के लिए सेना की ताकत को राष्ट्र की रक्षा में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को पंजाब में देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सरकार के अधिकृत कार्यक्रम के लिए जलियांवाला गए। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। लेकिन सरकार के इस कार्यक्रम से कांग्रेस के मुख्यमंत्री (कैप्टन अमरिंदर सिंह) गायब थे। जबकि कांग्रेस के नामदार (राहुल गांधी) के साथ वह जलियांवाला बाग गए, लेकिन उपराष्ट्रपति के साथ भारत सरकार के अधिकृत कार्यक्रम में जाना सही नहीं माना। पंजाब में चल रहे दांवपेच के कारण कैप्टन को भी झुकना पड़ गया।

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