देहरादून। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल कार्यक्रम व सैनिटेशन के संबंध में हायर पॉवर कमेटी की बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जल संस्थान से संबंधित ऑनगोईंग पेयजल योजनाओं के कार्यों को तेजी से पूरा करने तथा इसकी गुणवत्ता व प्रगति बढ़ाने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करते रहने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हायर पावर कमेटी ने कुल 29387.7 लाख रुपये की लागत वाली मोहोलिया, बहादराबाद, उमरूखुर्द, जगजीतपुर, धनडेरा और गौजाखली उत्तर क्षेत्र की कुल 6 डीपीआर की योजनाओं का अनुमोदन किया गया।
कार्यदायी संस्थाओं द्वारा पेयजल आपूर्ति से संबंधित अर्द्धशहरी क्षेत्रों की 12 योजनाओं के कोविड-19 के दौरान कामगारों के पलायन, सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि के कारण डिले होने से उसको पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई। जिस पर समिति द्वारा 12 निर्माणाधीन योजनाओं में 6 माह की समयवृद्धि प्रदान की गई।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों में सभी सरकारी भवनों में अनिवार्य रूप से जल सरंक्षण हेतु जल संग्रहण व भूमि रिचार्ज का प्रावधान करने के निर्देश दिये। साथ ही सरकारी विभागों के भवनों के साथ ही आवास विभाग के समन्वय से गैर सरकारी भवनों में भी जल संरक्षण के लिये वाटर रिचार्ज का प्रावधान रखे जाने को कहा। उन्होंने मनरेगा के अन्तर्गत भी वाटर रिचार्ज के कार्य को करवाने के भी निर्देश दिये तथा मनरेगा के अन्तर्गत अब तक वाटर रिचार्ज की बनायी गयी योजना का विवरण प्रस्तुत करने को भी कहा।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागों के बजट से 1 प्रतिशत धनराशि का अनिवार्य रूप से भूमिगत जल रिचार्ज के कार्यों में खर्च करने का प्रावधान किया जाय तथा इसके लिये कैबिनेट स्तर पर भी संशोधन के लिए रखा जाए।
उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति तथा सैनिटेशन के कार्यों की प्रगति बेहतर करने के लिये सैद्धान्तिक, तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति इत्यादि में अनावश्यक देरी ना करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने कहा कि जहाँ नयी पेयजल लाइन बिछायी जा रही है वहाँ पर पूर्व में यदि कोई छोटी अथवा जीर्ण-शीर्ण पुरानी लाइन हो उसका यदि बिना अतिरिक्त व्यय से किसी तरह उपयोग हो सकता है तो उसकी संभावना तलाशी जाएं।
इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,सचिव आर.के सुधांशु, अपर सचिव पेयजल निगम/निदेशक पेरी-अर्बन उदयराज, अपर सचिव मेजर योगेन्द्र यादव, प्रबंध निदेशक पेयजल निगम वी.सी पुरोहित, सीजीएम जल संस्थान एस.के शर्मा आदि उपस्थित थे।
बाढ़ प्रबंधन कार्यों का प्रेजेंटेशन लिया
मुख्य सचिव ने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन मॉनिटरिंग कमेटी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी ली। बैठक में जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने इको सेंसेटिव जोन में चल रहे पर्यावरण संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण तथा सड़क, पेयजल आपूर्ति, सॉलिड वेस्ट निस्तारण, आर्गेनिक उत्पादन इत्यादि विकासात्मक कार्यों का प्रेजेन्टेशन दिया साथ ही लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम आदि विभागों ने भी अपने-अपने विभागीय कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण व सड़क सुधारीकरण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले मग/कंपोजिट का पर्यावरण मानकों के अंतर्गत निस्तारण करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम और जल संस्थान द्वारा सीवर संयोजन के कार्यों की प्रगति को आशाजनक नहीं बताते हुए कहा कि जो सीवर संयोजन का कार्य अवशेष रह गया है उसकी प्रगति तेजी से बढ़ायें क्योंकि जल शक्ति मंत्रालय के निर्देशानुसार इन क्षेत्रों में 80 प्रतिशत तक सीवर संयोजन होना जरूरी है।