- विधानसभा नियुक्ति मामले पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा, कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने परिजनों को भी विधानसभा में नियुक्ति देने को की थी सिफारिश
हल्द्वानी। विधानसभा में हुई भर्ती मामले में पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के साथ ही गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई भर्तियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन दोनों के कार्यकाल के दौरान विधानसभा में नियुक्ति पाए लोगों की सूची पर बवाल मचा है। अब इस मामले पर कुंजवाल का बयान आया है।
मीडिया के सामने आए गोविंद का कहना है कि विधानसभा की सेवा नियमावली में विधानसभा अध्यक्ष को भर्ती करने का अधिकार है। इसके तहत ही सभी भर्तियां की गई हैं. उन्होंने साफ कहा कि सरकार चाहे तो देश की सबसे बड़ी एजेंसी से नियुक्तियों की जांच करा सकती है। यदि उन पर किसी भी तरह का आरोप साबित हो जाता है तो वह सजा भुगतने को तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि सभी नेताओं ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने नजदीकियों को मौका दिया है। कुंजवाल ने कहा कि राज्य के पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत से लेकर प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल तक लगातार नियुक्ति की गई हैं। कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने परिवार के लोगों को भी विधानसभा में नियुक्ति देने की सिफारिश की है। यह परिपाटी शुरू से चली आ रही है। सरकार सभी नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच करा सकती है।
कुंजवाल ने कहा कि संविधान में अनुच्छेद-187 के तहत राज्य विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार प्राप्त है कि वह जरूरत के अनुसार विधानसभा में तदर्थ नियुक्ति कर सकता है। सोशल मीडिया में इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि मैंने अपने तमाम रिश्तेदारों को नौकरी पर रखा. लेकिन मेरे कार्यकाल में भाजपा, कांग्रेस के नेताओं की सिफारिश पर नियुक्ति दी गईं। उनके कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों को लेकर कुछ लोग हाईकोर्ट गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को सही करार दिया। इसके बाद कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां भी तमाम नियुक्तियों को सही ठहराया गया।
कुंजवाल ने कहा कि अब जो लोग नियुक्तियों पर सवाल उठा रहे हैं, वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं। गोविंद का कहना है कि जिस तरह भाजपा मेरे ऊपर आरोप लगा रही है कि परिवार को बहू बेटों को नियुक्ति दी है, लेकिन पूर्व में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने अपने रिश्तेदारों, अपने चहेतों को नौकरियां दी हैं। ये परिपाटी पहले से चलती आ रही है। कुंजवाल के बयान से विधानसभा में नियुक्तियों की जांच की मांग कर रही कांग्रेस भी बैक फुट पर आ गई है।