उत्तराखंड कांग्रेस में रार : सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा!

सियासत की शतरंज

  • प्रदेश अध्यक्ष ने किया था 37 टिकट तय होने का ऐलान, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम बोले- उन्हें पता नहीं
  • कहा, नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वह भी टिकट तय करने की प्रक्रिया का हिस्सा, कोई टिकट फाइनल नहीं गोदियाल के बयान से प्रीतम की असहमति को लेकर पार्टी के अंतर्विरोध की पटकथा आई सामने

देहरादून। अभी विधानसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस में तलवारें खिंचती नजर आ रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के कांग्रेस के 37 टिकट तय होने को लेकर बयान पर पार्टी में नई रार छिड़ गई है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने टिकट तय होने से अनभिज्ञता और असहमति जताई है। इससे अंदरखाने की गुटबाजी अभी से सतह पर आती दिख रही है।
प्रीतम के मुताबिक टिकट तय करने की एक प्रक्रिया है, नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वह भी उस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। अभी ऐसी कोई बैठक नहीं हुई और न कोई टिकट फाइनल हुआ। गोदियाल के बयान से प्रीतम की असहमति को पार्टी के अंतर्विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव होने हैं। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा शुरू कर दी है। इस यात्रा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बयान दिया था कि पार्टी के 37 टिकट तय हैं।
गोदियाल के मुताबिक भाजपा के धनबल के आगे घुटने न टेकने वाले एवं वर्तमान विधायकों का टिकट लगभग तय है। वर्ष 2012 में कांग्रेस के 32 विधायक थे। इनमें से नौ विधायक कांग्रेस छोड़कर चले गए। 21 विधायक पार्टी के साथ मजबूती के साथ खड़े रहे। 2017 में पार्टी के 11 विधायक ही चुनाव जीते। इनमें से इंदिरा हृदयेश, प्रीतम सिंह, फुरकान अहमद व हरीश धामी 2012 में भी विधायक रहे। 
मीडिया के पूछने पर गोदियाल के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भी अखबारों से ही टिकटों के तय होने की जानकारी मिली। बकौल प्रीतम अभी ऐसा कुछ नहीं है। किसी के टिकट तय नहीं हुए। कांग्रेस का एक खेमा गोदियाल के बयान को रणनीतिक मान रहा है। कांग्रेस में अभी से टिकट तय किए जाने को लेकर चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी में डैमेज कंट्रोल के लिए गोदियाल ने यह बयान दिया है।

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