- निवर्तमान सांसद कोश्यारी के चुनाव न लड़ने की अनिच्छा से भाजपा—कांग्रेस उलझन में
- अगर भगतदा नहीं उतरे चुनाव मैदान में तो नैनीताल से लड़ेंगे हरीश, नहीं तो हरिद्वार से
देहरादून। कांग्रेस में पांचों सीटों को लेकर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गयी है, लेकिन नैनीताल सीट को लेकर अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की जा रही है। कांग्रेस के जिम्मेदार सूत्रों का कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी के चलते अभी दो सीटों पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।
नैनीताल के वर्तमान सांसद भगत सिंह कोश्यारी चुनाव लडऩे में अनिच्छा जता चुके हैं। ऐसे में इस बात पर असमंजस की स्थिति है कि भाजपा वहां से भगतदा को ही उतारती है या फिर प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को उम्मीदवार बनाती है। इसी पर कांग्रेस का सारा गुणा—भाग चल रहा है। बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने दो जगह नैनीताल और हरिद्वार से दावेदारी की है। अगर कोश्यारी को भाजपा नैनीताल से उतारती है तो रावत हरिद्वार से लड़ेंगे और अगर भाजपा कोश्यारी के बजाय किसी को और को नैनीताल में प्रत्याशी बनाती है तो हरीश रावत नैनीताल से लड़ेंगे।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा का पेंच भी नैनीताल पर ही फंसा हुआ है। इस सीट पर भगत सिंह कोश्यारी को सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी सीट पर रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है और हर सीट पर सबसे मजबूत दावेदार पर ही दांव लगाने के लिए पार्टी पहले ही तय कर चुकी है। कोश्यारी द्वारा चुनाव लडऩे से अनिच्छा जताने के पीछे यह भी बताया जा रहा है कि पिछली बारे उन्हें केंद्र में मंत्री बनाते—बनाते पार्टी ने निर्णय बदल दिया था। इस बात से वे आहत भी बताये जा रहे हैं।
बताया तो यह भी जा रहा है कि वे पार्टी के निर्णय को मानेंगे और सरकार बनने की स्थिति में अपने मंत्री पद को पक्का करना चाहते हैं। बहरहाल भाजपा नैनीताल पर क्या निर्णय लेती है यह तो प्रत्याशियों की घोषणा के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इसकी वजह से कांग्रेस भी अधर में लटकी हुई है।