मंत्रालय का ‘शापित’ केबिन-602, जिसमें बैठने से डर रहा हर मंत्री!

कुर्सी पर भारी ‘कार्यकाल’

  • महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद अब उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया हुई पूरी
  • सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने की तैयारी के साथ ही मंत्रालय परिसर में सभी को ऑफिस देने का काम शुरू
  • हालांकि मंत्रालय की छठी मंजिल पर एक केबिन ऐसा भी, जिसे कोई भी मंत्री लेने के लिए राजी नहीं

मुंबई। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद अब उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया पूरी हो गई है। विस्तार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने की तैयारी चल रही है। वहीं मंत्रालय परिसर में सभी को ऑफिस देने का काम भी शुरू हो गया है। हालांकि मंत्रालय की छठी मंजिल पर एक ‘शापित’ केबिन ऐसा भी है, जिसे कोई भी लेने के लिए राजी नहीं है। मंत्रालय के इस ऑफिस के बारे में यह कहा जाता रहा है कि इस ऑफिस में बैठने वाला कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है या अकाल मौत का शिकार हो गया है।
मुंबई में मंत्रिमंडल के कार्यालय ‘मंत्रालय’ के छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन 602 किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है। इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं। पूर्व में इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था। पहले यहां पर सीएम, सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव बैठा करते थे, लेकिन अब इस ऑफिस में काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। कारण सिर्फ यही अंधविश्वास है कि इस केबिन में बैठा कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।

गौरतलब है कि वर्ष 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद यह ऑफिस भाजपा के बड़े नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था। खडसे यहां से प्रदेश सरकार के कृषि, राजस्व और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों का कामकाज संभालते थे। हालांकि अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंसे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके कुछ वक्त बाद यह केबिन खाली रहा और फिर इसे नए कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया। फुंडकर की कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई। इसके बाद से जून 2019 तक यह केबिन किसी को आंवटित नहीं हुआ।
वर्ष 2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार भाजपा के नेता अनिल बोंडे को दिया गया तो वह इस ऑफिस को संभालने पहुंचे। हालांकि इस अंधविश्वास को जोर तब मिल गया, जब अनिल इस साल हुए विधानसभा चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार भी नहीं रही। इसके बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार के किसी भी मंत्री को यह परिसर आवंटित नहीं किया जा सका।
उधर बीते सोमवार को डिप्टी सीएम अजित पवार जो कभी इस कार्यालय में काम कर चुके थे, उन्होंने भी इस ऑफिस को लेने से इनकार कर दिया। हालांकि राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अफवाहों को नकारते हुए यह जरूर कहा कि नई सरकार के मंत्रिमंडस विस्तार के बाद अब जल्द ही केबिन 602 को किसी मंत्री को आवंटित कर दिया जाएगा। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 43 मंत्रियों को ऑफिस दिए जाने हैं, ऐसे में मंत्रियों की रुचि के हिसाब से सभी को ऑफिस आवंटित किया जाएगा।

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