अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक रिटायर

अब जुटेंगे परोपकार में

  • तीन लाख करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाली कंपनी से 55 की उम्र में चेयरमैन पद छोड़ा
  • अब टीचिंग और समाजसेवा पर देंगे ध्यान, अलीबाबा शुरू करने से पहले थे इंग्लिश टीचर
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 10 बार रिजेक्ट किया, ग्रेजुएशन के बाद 30 फर्मों ने खारिज किया था
  • मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में बदलाव पर जोर, शिक्षा के लिए दान करेंगे 4.5 करोड़ डॉलर

पेइचिंग। चीन के अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक मा (55) मंगलवार को रिटायर हो गए। उन्होंने सीईओ डेनियल झांग (47) को कमान सौंप दी। हालांकि मा ने रिटायरमेंट का ऐलान एक साल पहले ही कर दिया था। इस दौरान वह झांग को कामकाज समझा रहे थे। जैक मा अब टीचिंग और परोपकार के कामों से जुड़ेंगे। वर्ष 1999 में अलीबाबा की शुरुआत करने से पहले वे इंग्लिश के टीचर थे। रिटायरमेंट के लिए उन्होंने अपने जन्मदिन और टीचर्स डे का दिन चुना।
जैक मा का आज जन्मदिन भी है। चीन में टीचर्स डे 10 सितंबर को होता है। मा अगले साल तक सलाहकार के तौर कंपनी के बोर्ड में बने रहेंगे। पिछले महीने शंघाई में आयोजित वर्ल्ड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कॉन्फ्रेंस में मा ने कहा था कि अगले 10-20 साल में हर इंसान, देश और सरकार को शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। ताकि सुनिश्चित हो सके कि हमारे बच्चों को ऐसी नौकरी मिले जिसमें हफ्ते में तीन दिन और दिन में चार घंटे काम करने की जरूरत हो। पिछले साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भी उन्होंने कहा था- अगर हमने पढ़ाने का तरीका नहीं बदला तो 30 साल बाद मुश्किल में आ जाएंगे। ताजा जानकारी पर आधारित पढ़ाने का मौजूदा तरीका हमारे बच्चों को विफल कर देगा। वे मशीनों से प्रतिस्पर्धा करने लायक नहीं बन पाएंगे। उन्हें स्वतंत्र सोच, मूल्य और टीमवर्क जैसी सॉफ्ट स्किल सिखानी चाहिए।
जैक मा अपने फाउंडेशन के जरिये परोपकार के काम करते हैं। उन्होंने 2014 में जैक मा फाउंडेशन शुरू की थी। इसके पीछे बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के समाजसेवा के कामों को प्रेरणा बताया था। चीन के ग्रामीण इलाकों में प्रतिभाशाली शिक्षकों को खोजने और तैयार करने के लिए जैक मा फाउंडेशन ने 2017 में 4.5 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया था।
जैक ने गत वर्ष कहा था- ‘बिल गेट्स से बहुत कुछ सीखा। मैं कभी उनके जितना अमीर नहीं बन सकता लेकिन, उनसे पहले रिटायर तो हो सकता हूं।’ गेट्स 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन पद से रिटायर हुए थे। उस वक्त उनकी उम्र 58 साल थी। गेट्स दुनिया के दूसरे बड़े अमीर हैं। उनकी नेटवर्थ 107 अरब डॉलर (7.70 लाख करोड़ रुपए) है। जैक 41.8 अरब डॉलर (3 लाख करोड़ रुपए) की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 20वें नंबर पर हैं। वे चीन के सबसे बड़े अमीर हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी पिछले साल जैक को पीछे छोड़ एशिया के सबसे बड़े अमीर बन गए थे। अंबानी 47.4 अरब डॉलर (3.41 लाख करोड़ रुपए) की नेटवर्थ के साथ दुनिया के 500 अमीरों की लिस्ट में 17वें नंबर पर हैं।
डेनियल झांग 2015 में अलीबाबा के सीईओ बने थे। अब उन पर चेयरमैन पद की जिम्मेदारी भी आ गई है। विश्लेषकों के मुताबिक चीन के ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्रोथ की नई संभावनाएं तलाशना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी। चीन के टेक पब्लिशिंग ग्रुप 36केआर के विश्लेषक लियु यिमिंग के मुताबिक अलीबाबा इनोवेशन और नए ट्रेंड तलाशना चाहती है तो यह पहले से ज्यादा मुश्किल होगा। चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस साल की पहली छमाही में वहां ऑनलाइन रिटेल सेल्स ग्रोथ सिर्फ 17.8% रही। पिछले साल इस अवधि में 32.4% थी। अमेरिकी से ट्रेड वॉर की वजह से भी चीन की कंपनियों को दिक्कतें हो रही हैं। हालांकि अप्रैल-जून तिमाही में अलीबाबा का रेवेन्यू 42% बढ़कर 16.7 अरब डॉलर रहा। मुनाफा 145% बढ़कर 3.1 अरब डॉलर पहुंच गया। पिछले साल अप्रैल-जून में 1.3 अरब डॉलर का प्रॉफिट हुआ था। 2018 में पूरे साल की रेवेन्यू ग्रोथ 51% रही थी। अलीबाबा के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए पिछले साल 853 अरब डॉलर की वस्तुएं बेची गईं। अमेरिका की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के प्लेटफॉर्म पर पिछले साल 277 अरब डॉलर का सामान बिका था।

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