उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी, 52 लोगों की मौत, 19 लापता, जलभराव से 650 करोड़ का नुकसान

देहरादून। पहाड़ी राज्यों में आफत की बारिश जारी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों प्राकृतिक आपदा कहर ढा रही है। बारिश और भूस्खलन के चलते कई लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में भारी बारिश से नदियां उफान पर है। कई नेशन हाइवे टूट गए है। जिससे लोगों को आवाजाही में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के दौरान उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण अब तक कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई और लगभग 37 लोग घायल हो गए। जिससे कई जगहों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गई।

उत्तराखंड में भारी मानसूनी बारिश के कारण आई आपदा के कारण राज्य को अब तक लगभग 650 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जो आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि बारिश से संबंधित आपदाओं के कारण विभिन्न दुर्घटनाओं में 52 लोग मारे गए, 37 घायल हुए और 19 लापता हो गए। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो मानसून की समाप्ति पर तत्काल रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इससे आपदा के बाद राहत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।

वहीं प्रदेश में भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से हुआ है। अब तक 2,915 सड़कें भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 64 पुलों को नुकसान पहुंचा है। कुछ सरकारी भवनों को भी नुकसान पहुंचा है।
सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया, आपदा की स्थिति में कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 0135-2710334, टोलफ्री नंबर 1070 और 0135-2664314- 15-16 और मोबाइल नंबर 8218867005, 9058441404 पर तत्काल सूचना दे सकता है। साथ ही ई-मेल पर भी सूचना दी जा सकती है।

बता दें कि द्वितीय केदार भगवान मद्मेश्वर धाम को जोड़ने वाले बणतोली पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए थे। इस दौरान श्रद्धालुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंगलवार को आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे यात्रियों को निकालना शुरू किया। जबकि आज बुधवार सुबह से हेली रेस्क्यू शुरू किया गया।

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