गन्ना भुगतान पर सड़क से सदन तक संग्राम

——–संकट में सरकार——-

सरकार के गले की फांस बना गन्ना किसानों का बकाया भुगतान
सदन में कांग्रेस हुई हमलावर, 310 के तहत चर्चा पर अड़ा विपक्ष
नेहरू कालोनी वाले बैरियर के पास कांग्रेसियों के साथ हरदा धरने पर
विपक्ष ने वेल में की नारेबाजी, विरोध के चलते सदन कई बार स्थगित

देहरादून। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार संकट में फंसती लग रही है। एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत इस मुद्दे पर सरकार के रवैये के खिलाफ धरने पर बैठ गये हैं दूसरी तरफ बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष सदन में गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर हमलावर तेवर अपनाये हुए है और 310 के तहत चर्चा कराने पर अड़ा हुआ है।
बुधवार को पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार गन्ना किसानों के बकाया भुगतान कराने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अन्य पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा कूच किया, लेकिन पुलिस प्रशासन में उन्हें नेहरू कालोनी वाले बैरियर के पास रोक लिया। इस दौरान कांग्रेसियों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई। इसके बाद हरीश रावत ने वहीं पर धरना देने का ऐलान किया और समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गये। इस बीच पार्टी कार्यकर्ताओं ने वहां पर सरकार विरोधी नारेबाजी की।

बाद में मौके पर मौजूद कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के साथ सौतेला बर्ताव कर रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। कांग्रेस किसानों के हित की लड़ाई सड़क से सदन लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबे चैड़े वादे किये थे और किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने आंखें फेर ली। अब प्रदेश के किसान अपने गन्ने के भुगतान के लिये मारे मारे फिर रहे हैं। कांग्रेस किसानों को उनके गन्ने का भुगतान दिलाने के लिये संकल्पबद्ध है और उनके साथ खड़ी है। इस मौके पर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सरकार को जमकर कोसा।

उधर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक गन्ना भुगतान को लेकर 310 के तहत चर्चा कराने पर अड़ गये और वेल में आकर नारेबाजी की। जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 11.17 बजे आधा घंटे के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। उसके बाद स्थगन का समय 11.55 बजे तक बढ़ाया। सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके चलते सदन की कार्यवाही फिर 12.10 बजे तक रोक दी गई।
विपक्षी विधायक आक्रामक रुख अपनाये हुए थे। उनका कहना था कि सरकार को सभी काम रोकते हुए 310 के तहत गन्ने के बकाया भुगतान पर चर्चा करानी चाहिये। 12.10 बजे सदन शुरू हुआ तो कांग्रेस के विधायक 310 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर फिर वेल में आ गये। इस बीच मार्शल के साथ भी धक्का मुक्की हुई। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन को फिर स्थगित कर दिया। हालांकि पूरा प्रश्नकाल भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन इस बीच सरकार ने कई जरूरी काम निपटाते हुए तीन विधेयक पारित कर दिये और प्रदेश में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी सदन के पटल पर प्रस्तुत की।

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