दिखा मुर्गों की ‘आह’ का असर
- स्कूटर की रस्सी टूटने से सड़क पर गिरे तीन मुर्गों की वाहनों के नीचे आने से मौत होने का मामला
- संयोगवश उसी वक्त वहां से गुजर रहे प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने स्कूटर चालक को कराया गिरफ्तार
देहरादून। आपने पहले ऐसा मामला नहीं सुना होगा। यहां मुर्गों की मौत ने उनके मालिक को हवालात का रास्ता दिखा दिया। यहां बल्लूपुर फ्लाई ओवर पर स्कूटर की रस्सी टूटने से सड़क पर गिरे तीन मुर्गों की वाहनों के नीचे आने से मौत होने से हुई। जबकि कई मुर्गे बाल-बाल बच गए। संयोगवश या यूं कहिये कि स्कूटर सवार के दुर्भाग्यवश उसी समय उधर से गुजर रहे प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने रेस्क्यू टीम बुलाकर आरोपी स्कूटर चालक को गिरफ्तार करा दिया। स्कूटर पर करीब 12 मुर्गे कटे हुए मिले, जिन्हें जमीन में दबा दिया, जबकि सात मुर्गों का राहत अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार चंदर रोड निवासी शाहनवाज बृहस्पतिवार सुबह को मुर्गों को स्कूटर पर उल्टा बांधकर बल्लूपुर फ्लाई ओवर से गुजर रहा था। इसी बीच रस्सी टूट जाने के कारण मुर्गे सड़क पर बिखर गए। फ्लाई ओवर के ऊपर से जा रहे वाहनों के नीचे आने से तीन मुर्गों की मौत हो गई, जबकि सात मुर्गे बच गए। इस कारण फ्लाई ओवर पर अफरातफरी के बीच वाहनों पर ब्रेक लग गया।
इसी बीच प्रमुख वन संरक्षक जयराज भी उधर से गुजर रहे थे। उन्होंने यह दृश्य देखा तो वन विभाग की रेस्क्यू टीम को मौके पर बुला लिया। कांवली रोड रेंज के बीट अधिकारी अंकुर शर्मा की अगुवाई में आई टीम ने आरोपी शाहनवाज को पकड़ लिया। आरोपी को स्कूटर समेत वसंत थाने ले जाया गया। पुलिस ने बीट अधिकारी अंकुर की तरफ से शाहनवाज के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। सात जिंदा मुर्गो को तो पशुओं के राहत अस्पताल भेज दिया गया, जबकि 12 के करीब कटे हुए मुर्गों को जमीन में दबा दिया गया।
एसओ बसंत विहार नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आरोपी का चालान किया जा रहा है। प्रमुख वन संरक्षक जयराज का कहना है कि आईपीएस की धारा 428 में यह प्रावधान है कि यदि एनीमल की कीमत 10 रुपये है तो क्रूरता की स्थिति में आरोपी को दो साल की सजा का प्रावधान है। जबकि धारा 429 में यह व्यवस्था है कि यदि एनीमल की कीमत 50 रुपये या उससे अधिक है, उसमें पांच साल तक की सजा हो सकती है।