बेमौसम बारिश का कहर, किसानों को भारी नुकसान, चारधाम यात्रा भी प्रभावित…

देहरादून। उत्तराखंड में दो दिन से लगातार हो रही बेमौसमी बारिश ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। पश्चिमी विक्षोभ की अतिसक्रियता के चलते बीते दो दिन से दून समेत आसपास के क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हो रही है। मौसम के बदले मिजाज से दून में पारे में भारी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बारिश के चलते जहां चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है, वहीं किसानों की फसलाें को भी नुकसान पहुंचा है। पर्वतीय मार्गों पर यातायात भी अवरूद्ध रही है। गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन होने से बंदरकोट के पास हाईवे करीब एक घंटे तक बाधित रहा।

बता दें कि 14 साल में पहली बार दून में मई में अधिकतम पारा 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचा है। 24 घंटे के भीतर दून में 28 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि सामान्य से 300 प्रतिशत अधिक है। मूसलाधार वर्षा से दून की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं, साथ ही खस्ताहाल सड़कों पर चारों ओर कीचड़ पटा रहा। प्रदेश में बेमौसमी बारिश का सबसे अधिक दुष्प्रभाव बागवानी और गेहूं की फसल पर पड़ा है। मैदानी क्षेत्रों में कई जगह गेहूं की फसल तैयार होने के बावजूद मौसम साफ नहीं होने की वजह से कट नहीं पाई है। ऐसे में किसान मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। यदि अगले कुछ दिन और बारिश का दौर जारी रहता है गेहूं की फसल बर्बाद हो सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार पांच मई तक उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम बर्फबारी और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन-चट्टान गिरने से सड़कें अवरुद्ध होने का भी अनुमान है। जबकि, मैदानी इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य में कहीं-कहीं गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है। वहीं भारी बारिश और बर्फबारी को देखते हुए मौसम विभाग ने संबंधित अधिकारियों को चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या नियंत्रित करने की सलाह दी है। यात्रियों और वाहन चालकों को भी सावधान रहने और संभव हो तो यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here