श्री बदरीनाथ धाम के खुले कपाट खुले, 15 हजार से अधिक श्रद्धालु बने गवाह

बदरीनाथ/देहरादून। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज रविवार प्रात: 6 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुल गये। श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में प्रात: 4 बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सहित धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल तथा -वेदपाठी -आचार्यजनों द्वारा मंदिर परिसर में मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना शुरू की तपश्चात मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। ठीक प्रात: 6 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीविशाल की जय के उदघोषों‌ के साथ श्री बदरीनाथ धाम के द्वार खोल दिये गये। कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को उनके मंदिर में विराजमान किया गया। गाडू घड़ा तेल कलश को गर्भगृह में पहुंचाया गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी गर्भगृह के अंदर बदरीश पंचायत में विराजमान हो गये। उल्लेखनीय है कि कल 7 मई शनिवार शाम को योग बदरी पांडुकेश्वर से रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये थे।कुबेर जी ने रात्रि को बामणी गांव में प्रवास किया आज रविवार सुबह कुबेर जी श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर पहुंचे। कपाट खुलने पर रावल जी ने मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान बदरीविशाल का आह्वान कर घृत कंबल को प्राप्त किया तथा प्रसाद स्वरूप वितरित किया। श्री बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन हुए कुछ देर में भगवान का अभिषेक कर श्रृंगार रूप के दर्शन शुरू हो गये तथा तीर्थयात्रियों का तांता लगा हुआ है।इस अवसर पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं कपाट खुलने के गवाह बन अखंड ज्योति के दर्शन किये। कपाट खुलने के अवसर पर ऋषिकेश के दानदाताओं ने‌ श्री बदरीनाथ धाम को भब्यरूप से 20 क्विंटल फूलों से सजाया। पूरे बदरीनाथ धाम में गढ़वाल स्काउट के बैंडों की स्वर लहरियां गुंजायमान होती रही। बामणी- पांडुकेश्वर, माणा महिला मंगल द्वारा पारंपरिक नृत्य एवं मंगलगान गाया तथा संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने स्वस्तिवाचन किया। इस अवसर पर दानदाताओं ने जगह-जगह भंडारे आयोजित किये थे। बदरीनाथ धाम में पहली महाभिषेक पूजा मोदी के नाम से हुई। धामी और सतपाल महाराज ने सभी धामों के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, विधायक राजेंद्र भंडारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य आशुतोष डिमरी, सचिव पर्यटन एवं धर्मस्व संस्कृति हरिचंद सेमवाल, मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी एवं वीरेंद्र असवाल, डीजीपी अशोक कुमार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, पीतांबर मोल्फा, हरीश डिमरी, सुनील तिवारी, अनिल ध्यानी, गिरीश चौहान, राजेंद्र चौहान, डा. हरीश गौड़, विनोद डिमरी, जगमोहन बर्त्वाल सहित सेना एवं ग्रीफ के अधिकारी भंडारी मेहता थोक के हक हकूकधारी मौजूद थे।मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर तथा निकटवर्ती मंदिर माता लक्ष्मी जी श्री गणेश जी आदि गुरु शंकराचार्य जी, आदि केदारेश्वर जी, माता मूर्ति मंदिर माणा तथा श्री भविष्य बदरी तपोवन के कपाट भी खुल गये हैं।

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