देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले में लगातार गिरफ्तारी हो रही है। वहीं, अब स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसटीएफ लंबी जिद्दोजहद के बाद तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह नारायण सिंह से घंटों पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड एसटीएफ ने एग्जाम से जुड़े कई सवाल नारायण सिंह से किए हैं, लेकिन कुछ सवालों के जवाब से उत्तराखंड एसटीएफ संतुष्ट नहीं है।
बता दें कि उत्तराखंड में साल 2015 से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अस्तित्व में आया था। आयोग ने तक करीब 90 भर्ती परीक्षाएं करवाई, लेकिन ये पहला मामला नहीं है जब आयोग की भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में हो। नारायण सिंह के कार्यकाल में यूकेएसएसएससी ने 90 परीक्षाएं आयोजित कराई है। जिसमें से एक पेपर दिसंबर 2021 का है, जो लीक हुआ था। नारायण सिंह के रिटायर्ड होने के बाद ही ये मामला प्रकाश में आया। ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ नारायण सिंह से कुछ अहम जानकारी हासिल करने में लगी हुई है। क्योंकि एग्जाम को संपन्न करने की पूरी जिम्मेदारी नारायण सिंह की ही थी।
वहीं लखनऊ की जिस प्रिंटिंग प्रेस में यूकेएसएसएससी का पेपर प्रिंट हुआ था, वहां के कर्मचारी अभिषेक वर्मा को उत्तराखंड एसटीएफ पुलिस कस्टडी में लेकर लखनऊ गई थी। इस के बाद टीम टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गई थी। वहां उत्तराखंड एसटीएफ ने कई अहम दस्तावेज जुटाए हैं, इसके अलावा उत्तराखंड एसटीएफ ने अभिषेक वर्मा का लैपटॉप, बैंक पासबुक और कई अन्य दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के एक व्यक्ति का नाम और सामने आ रहा है। इससे पहले वहां के जनप्रतिनिधि का नाम बताया जा रहा था। वह फिलहाल बैंकॉक में हैं। अब नए व्यक्ति के बारे में भी बताया जा रहा कि उसके संपर्क में भी बहुत से अभ्यर्थी थे। उसने भी पेपर खरीदकर हल कराया था। एसटीएफ जल्द ही उस व्यक्ति से भी पूछताछ करेगी।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे ही पेपर लीक के तार कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल के उत्तरकाशी व टिहरी जिले से जुड़ रहे हैं। इस नेटवर्क के तार सचिवालय से लेकर हाई प्रोफाइल सफेदपोश लोगों से भी जुड़ने के आसार हैं।