उत्तराखंड: अस्पताल को करना होगा अपने वहां जन्मे बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र का आवेदन, ये दस्तावेज जरूरी

देहरादून। निजी अस्पताल में जन्में बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन अब अस्पताल को ही करना होगा, जिसके बाद अभिभावन अपने डॉक्यूमेंट के साथ अस्पताल से जारी आवेदन पत्र को लेकर निगम के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास जाकर जन्मप्रमाण प्राप्त कर सकता है।
बता दें कि नवजात के जन्म प्रमाण पत्रों के नियम में बदलाव हुआ है केंद्र सरकार द्वारा पोर्टल पर नए नियम को लागू कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत यदि नगर निगम क्षेत्र के किसी भी निजी अस्पताल में बच्चे का जन्म होता है तो उसके जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन उसी हॉस्पिटल के द्वारा किया जाएगा।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र के सभी अस्पतालों को अस्पताल में हुए नवजात का जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए पोर्टल में आवेदन करना होगा। इसके बाद जिस व्यक्ति के घर नवजात बच्चे का जन्म हुआ है, उसे अस्पताल की ओर से किए गए आवेदन की ऑरिजनल कॉपी, आधार कार्ड लेकर नगर निगम आना होगा। इसके बाद नगर निगम जन्म प्रमाण पत्र जारी करेगा। डॉ. कांडपाल ने बताया कि इस संबंध में सीएमओ को पत्र भेजा गया है। अब सीएमओ सभी अस्पतालों को पत्र भेजेंगी।
आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य:- प्रमाण पत्र बनाने के लिए अब आवेदक का आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है। अब तक आधार के अलावा अन्य डॉक्यूमेंट जन्म प्रमाण पत्र बनाने के दौरान लिए जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
विदेश में पैदा होने वाले बच्चों का भी बनेगा जन्मप्रमाण पत्र:- विदेश में नौकरी करने या रहने गए एनआरआई का बच्चा अगर विदेश में पैदा होता है तो उसका भी प्रमाण पत्र भारत में बनेगा। अब तक यह व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए शर्त होगी कि उसके मां या पिता भारत के निवासी हों। ऐसे में उन्हें 60 दिन के अंदर आवेदन करना होगा।
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