टिहरी : प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती ने आधी रात जंगल के रास्ते पैदल नापी ढाई किमी की चढ़ाई!

चंबा (टिहरी)। यहां जौनपुर विकासखंड के धनोल्टी लग्गा गोठ गांव की एक गर्भवती प्रसव पीड़ा में आधी रात में छह घंटे पैदल चलकर जंगल के रास्ते ढाई किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंची। गनीमत रही महिला समय पर अस्पताल पहुंच गई, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
मिली जानकारी के अनुसार 22 जून की रात करीब 10 बजे गोठ गांव की अंजू देवी पत्नी सोमवारी लाल गौड़ की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। तमाम प्रयासों के बाद भी घोड़े-खच्चर का इंतजाम नहीं हो पाया। थक हार कर सोमवारी लाल ने पत्नी को पैदल ले जाने का फैसला किया। करीब ढाई किमी की खड़ी चढ़ाई वाली जंगल की पगडंडियों पर टॉर्च के सहारे रात करीब 11 बजे अंजू ने सफर शुरू किया। प्रसव पीड़ा से कराहते हुए अंजू छह घंटे में सुबह करीब पांच बजे सड़क तक पहुंच पाई। वहां से टैक्सी के जरिये अंजू को मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां सुबह सात बजे अंजू ने बेटे को जन्म दिया। भगवान का शुक्र है कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
गौरतलब है कि धनोल्टी लग्गा गोठ गांव से सड़क से करीब ढाई किमी दूर है। यहां रह रहे 122 परिवार किसी के बीमार होने या महिला के प्रसव पीड़ा होने पर पालकी या घोड़े-खच्चरों से सड़क तक लाते हैं। सोनू गौड़, प्रधान लाखीराम चमोली का कहना है कि डीएम और विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री को सड़क निर्माण करने के लिए पत्र कई बार भेजे गए लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई।
इस बाबत पीएमजीएसवाई के ईई राजेंद्र प्रसाद पंत का कहना है कि गांव के लोगों की मांग पर सात माह पूर्व विभाग ने धनोल्टी लग्गा गोठ पहुंचकर सर्वे शुरू किया था, लेकिन पीएमजीएसवाई के कोर नेटवर्क में उक्त गांव को सड़क से कनेक्ट दिखाया गया है। इस कारण गांव के लिए सड़क का प्रस्ताव नहीं भेजा गया।
उधर धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार का कहना है कि  धनोल्टी लग्गा गोठ गांव में सड़क निर्माण पीएमजीएसवाई के मानक के अंतर्गत नहीं आ रहा है। शासन स्तर पर इसके लिए पैरवी की जा रही है। लोनिवि से गोठ गांव के लिए सड़क बनाने का सर्वे करवाया जाएगा।

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