भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोले हरक, कहा- जो काम करता है, उसी पर उंगली उठती है

  • श्रम मंत्री ने किया दावा, मेरे निर्णय और नीतियों से एक लाख लोगों को मिला रोजगार

अल्मोड़ा। उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड अध्यक्ष पद से हटाये जाने और बोर्ड में भ्रष्टाचार और गंभीर आरोपों की बात सामने आने के बाद रविवार की देर शाम यहां पहुंचे हरक सिंह रावत ने कहा कि जो काम करता है, उंगली भी उसी पर उठती है। उनकी नीतियों और निर्णयों से पिछले तीन दशकों से प्रदेश में एक लाख लोगों को रोजगार मिला है। आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। 
हरक ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन हैं। वह पिछली सरकार में भी मंत्री रहे, तब हरीश दुर्गापाल श्रम मंत्री थे, लेकिन कोई नहीं जानता था कि आखिर श्रम बोर्ड क्या है। जब वह मंत्री बने तो पता चला कि आखिर श्रम बोर्ड क्या है। पिछले चार वर्षों में उन्होंने श्रमिकों के लिए कई योजनाएं चलाईं।
हरक ने कहा कि उन्हें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। जनता और श्रमिक उनके कार्यों की स्वयं समीक्षा करेंगे। जो अच्छा काम करता है, उसी के कार्यों पर उंगली उठाना आसान है। घोटाले के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। जनसेवा उनकी प्राथमिकता रही है और युवाओं को रोजगार देने के मामले में वह कतई पीछे नहीं है।
गौरतलब है कि हरक सिंह के कार्यकाल में नियुक्त 38 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। आरोप है कि वित्त विभाग से स्वीकृति के बगैर बोर्ड के ढांचे में पदों को शामिल कर दिया गया। उपनल, पीआरडी से नाम मंगवा लिए गए, इससे बोर्ड पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा था। वहीं 45 करोड़ रुपयों का हिसाब न मिलने पर स्पेशल ऑडिट कराए जाने की संस्तुति की गई है।
हरक ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उक्त आरोपों की जानकारी उन्हें मीडिया से मिल रही है। वह अपना काम करते हैं और लोगों को उसका लाभ मिलता है। उन्होंने दावा किया श्रम बोर्ड में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। कर्मकार बोर्ड में उनके करीबियों को हटाने और उनके विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में श्रम बोर्ड का कार्यालय बंद करने को लेकर सवाल पर रावत ने कहा कि वह ज्यादा इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

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