प्लास्टिक फ्री जोन बनेगी केदारपुरी, श्रद्धालुओं को दी जाएंगी तांबे की बोतलें

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक और लोकल फॉर वोकल का नारा अब प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ में सफल रूप से काम करेगा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाए जाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। इसके लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाएगी। इसके अलावा केदारपुरी को प्लास्टिक की बोतलों से निजात दिलाने के मद्देनजर श्रद्धालुओं को तांबे की बोतलें उपलब्ध कराई जाएंगी। इतना ही नहीं लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के लिए बोतलों का निर्माण अल्मोड़ा और बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से कराया जाएगा। इससे न केवल दुनियाभर के लोग उत्तराखंड की कला से रुबरू हो सकेंगे बल्कि हाशिए पर रह रहे शिल्पियों को रोजगार मिलेगा। वहीं, सरकार बोतलों के डिजाइन और लागत के सिलसिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन से संपर्क साध रही है।
केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए वहां प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कदम उठाए जाएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर श्रद्धालु पीने के पानी के साथ ही केदारनाथ से मंदाकिनी व सरस्वती नदियों के संगम का पवित्र जल ले जाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक की बोतलों से धाम को मुक्त करने के लिए तांबे की बोतलों को महत्व देने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रयास ये रहेगा कि ये रियायती दर पर श्रद्धालुओं को मिलें। इसी क्रम में तांबे की बोतलों के डिजाइन और लागत के सिलसिले में डीआरडीओ से संपर्क किया जा रहा है। बोतलों के निर्माण के लिए अल्मोड़ा व बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से बातचीत चल रही है। डिजाइन व लागत का विषय हल होने पर इनके माध्यम से ही बोतलें बनवाई जाएंगी, जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा और श्रद्धालुओं को सुविधा।

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