देहरादून। उत्तराखंड का हाल भी अजीब है। यहां मुखिया क्या बदला कि सभी महकमों को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे से ‘एलर्जी’ हो गई है। इसका एक नमूना स्वास्थ्य विभाग में देखने को मिल रहा है। एक तरफ जिले में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं और उन्हें कोविड किट का इंतजार है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के तमाम कारिंदे कोरोना किट के पैकेटों पर छपी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तस्वीरों पर स्टीकर लगाने में समय बर्बाद कर रहे है। उधर जरूरतमंद लोगों ने समय पर कोरोना किट न मिलने की शिकायत भी की है। इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमे के आला अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमित कम गंभीर मरीजों को शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोविड गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहे हैं। शहर के तमाम निजी और सरकारी अस्पताल में लगभग बेड फुल हैं और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को समय पर कोरोना किट न मिलने की भी शिकायतें आ रही हैं।
इस बीच कुछ लोगों ने कोरोना किट के पैकेटों के वितरण न करने के पीछे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तस्वीरों पर स्टीकर लगाने में समय बर्बाद करने की शिकायत की है। दरअसल कोरोना किट के पैकेट तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में मंगाए गए थे। अब इन्हीं पैकेट में कोरोना किट की दवाएं और अन्य चीजें होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दी जा रही हैं। अब मरीजों को समय पर कोरोना किट देने के बजाय तमाम कारिंदे पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर की जगह जागरूकता का स्टीकर लगाने में जुटे हैं।
इस संबंध में संपर्क करने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर की जगह पैकेट पर कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता से संबंधित स्टीकर लगाए जा रहे हैं। यह कार्य सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी दिन-रात जुटकर कर रहे हैं। किट पहुंचाने में सीएमओ कार्यालय के स्तर से कोई देरी नहीं की जा रही है। साथ ही स्टीकर से लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में भी जागरूक करने की कोशिश की जा रही है।