पहली बार गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अलग-अलग दिन खुलेंगे

  • यमुनोत्री के 14 और गंगोत्री के 15 मई से श्रद्धालुओं कर सकेंगे दर्शन

उत्तरकाशी। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का श्रीगणेश हो जाएगा। लेकिन ऐसा पहली बार होगा। जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अलग-अलग दिन खुल रहे हैं। चैत्र नवरात्र के पहले दिन गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 15 मई को निश्चित हो चुकी है। अब यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 14 मई को निश्चित की गई है। अब तक दोनों ही धामों के कपाट अक्षय तृतीया के पर्व पर एक ही तारीख को अलग-अलग मुहूर्त में खुलते आए हैं। तीर्थ पुरोहितों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 14 एवं 15 मई को पड़ रहा है, जिसमें उदय काल 15 मई को होने के कारण गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 15 मई तय की गई है। यमुनोत्री धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए 14 मई को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। रविवार को यमुना जयंती के मौके पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि एवं मुहूर्त तय किया गया। 14 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर सुबह सवा नौ बजे यमुना जी की डोली खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी। दोपहर 12.15 बजे कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। मां यमुना की डोली को विदा करने के लिए उनके भाई शनिदेव की डोली भी यमुनोत्री धाम जाएगी। गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को सुबह 7.31 बजे विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इससे पूर्व 14 मई को सुबह 11.45 बजे मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा से रवाना किया जाएगा। शाम को भैरोंघाटी पहुंचकर डोली यात्रा यहां स्थित प्राचीन आनंद भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। अगले दिन मृग श्री नक्षत्र एवं मिथुन लग्न की शुभ बेला में गंगोत्री मंदिर का कपाटोद्घाटन होगा।

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