त्रिवेंद्र ने दून में किया मिशन ‘प्राणवायु’ का आगाज

एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो…

  • पूर्व सीएम बोले, पीपल, वट, पिलखन जैसे प्राणवायु दायक पौधों के संरक्षण का लें संकल्प
  • कहा- बच्चों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह और पुरखों की याद में लगाएं पौधे
  • जनसहभागिता से सिद्धि की ओर बढ़ रहा त्रिवेंद्र का एक लाख पौधरोपण का लक्ष्य

देहरादून। ‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो’ दुष्यंत का यह शेर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खरा उतर रहा है। उन्होंने एक लाख पौधे लगाने और उनके संरक्षण के संकल्प को आगे बढाते हुए आज मंगलवार को देहरादून में सभी पर्यावरणप्रेमियों से मिशन ‘प्राणवायु’ को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पीपल, बट, पिलखन जैसे प्राणवायु दायक पौधे हमें लगाने चाहिये। साथ ही हमें पौधों के संरक्षण का भी संकल्प लेना चाहिये। यह बात त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मंगलवार को तेगबहादुर रोड स्थित गार्डन में जनप्रतिनिधियों को पौध वितरण के मौके पर कही। बीती 16 जुलाई को लोकपर्व हरेला के विशेष अवसर पर उन्होंने प्रदेशभर में एक लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया था। उनका यह मिशन जन सहयोग से लक्ष्य की ओर बढ रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अपने गढ़वाल भ्रमण के दौरान भी त्रिवेंद्र ने पौधरोपण के कई सफल कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में आम लोगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अब तक करीब 60 हजार से ज्यादा पीपल, बरगद और इसी प्रजाति के पौधे लगाए जा चुके हैं। आने वाली कई पीढ़ियों तक ये वृक्ष हमें प्राणवायु और छाया देंगे। ये वृक्ष दीर्घजीवी होते हैं और इनमें हर मौसम को झेलने की सामर्थ्य होती है।
त्रिवेंद्र ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण के काम में सभी को आगे आना होगा। उन्होंने आम जनता से आह्वान किया कि अपने बच्चों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह और अपने पुरखों की याद में भी हम पौधे लगा सकते हैं। पौधा लगाने के साथ ही उनका संरक्षण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हम जितना काम कर पाएंगे, उतना ही हम अपने आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रख पाएंगे।
स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों, वन विभाग, पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से प्रदेश में एक लाख पौधे रोपने का लक्ष्य जन सहभागिता से तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उनके पास पर्याप्त मात्रा में पीपल, बरगद और पिलखन आदि के पौधे उपलब्ध हैं। पहाड़ों में भी ये पौधे भेजे गए हैं। उधमसिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार, कोटद्वार आदि जिलों में भी पौधे भेजे जा रहे हैं। रुड़की में कोर इंस्टीट्यूट से भी पौधों की मांग आई है। उन्हें भी पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से ‘एक व्यक्ति-एक पौधा’ लगाने के लिए आगे आने को कहा। इस मौके पर कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें भी प्राणवायु प्रदान करने वाले पौधे रोपने के लिए दिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here