उत्तराखंड : वजीर बोले, विकास कार्य तो मंजूर लेकिन…!

कड़वा सच

  • मानसून सत्र में धामी सरकार के जवाबों में झलकी खजाने में पैसों की कमी
  • सीएम ने सदन को बताया, कोरोना के चलते राजस्व पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव

देहरादून। देवभूमि में महंगाई की मार झेल रही जनता को राज्य सरकार कोई राहत देने की स्थिति में नहीं है। धामी सरकार ने साफ कर दिया है कि रसोई गैस पर जीएसटी राज्य सरकार के दायरे में नहीं है। साथ ही कोरोना के चलते राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल पर राज्य कर कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
अहम बात यह भी है कि सदन में मंत्रियों की ओर से दिए गए जवाबों से भी साफ झलका कि राज्य की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। मंत्रियों ने सदस्यों के सवालों पर तमाम विकास कार्य स्वीकृत होने की बात तो स्वीकार की, लेकिन काम पूरा होने के सवाल पर यही लिखा है कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होगा।
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने अल्प सूचित प्रश्न में वित्त मंत्री से पूछा, क्या वह इस बात से अवगत है कि राज्य में महंगाई लगातार बढ़ रही है। क्या इस पर नियंत्रण करने और अवाम को राहत देने के लिए रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल पर लगे राज्य कर का कम करने का सरकार विचार कर रही है। इस पर वित्त मंत्रालय का प्रभार देख रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि रसोई गैस पर जीएसटी लगती है। इसे कम करने का काम जीएसटी परिषद की संस्तुतियों से ही हो सकता है। इसमें राज्य सरकार कुछ नहीं कर सकती।
धामी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में संदर्भित वस्तुओं (पेट्रोल और डीजल) पर राज्य कर (एसजीएसटी) कम करने का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान अन्य विभागीय मंत्रियों ने भी सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब दिए। इससे साफ झलक रहा है कि सरकार की माली हालत ठीक नहीं है। ऐसे में विकास कार्य कैसे पूरे होंगे, इस पर सवालिया निशान लग गया है।

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