राज्यहित या जनहित में कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी सरकार : धामी

देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘शिखर पर उत्तराखंड’ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कहा कि राज्यहित या जनहित में जरूरत पड़ी तो सरकार कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में शिखर पर ले जाने के लिए आगामी 10 वर्षों का रोडमैप बना दिया गया है, लेकिन यह विकास ईकोलॉजी और ईकोनॉमी के बीच संतुलन पर आधारित होगा। हमने उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का दृढ़ संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री केदारनाथ में केबल कार, हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे तथा माणा गांव के लिए जाने वाली टू लेन सड़कों सहित महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद चली चारधाम यात्रा में अब तक 42 लाख से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं। उन्होंने केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख जताते हुए कहा कि इसकी जांच के आदेश दे दिए गये हैं एवं आगे इस तरह की दुर्घटनाएं ना हो, इसके लिए भी ठोस नीति बनाने को कहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास कार्यों के साथ ही पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उत्तराखण्ड अपने वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके राष्ट्र को महत्वपूर्ण इको सिस्टम सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। संपूर्ण हिमालय क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं के साथ ही पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, राज्य की नदियां, जल स्रोत, धारे, झरने जीवित रहें इसके लिए सरकार विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। हम इकोलॉजी एवं इकोनॉमी पर संतुलन बनाकर कार्य कर रहे हैं।
पुष्कर ने कहा कि लोगों को योजनाओं का लाभ मिले और उनकी समस्याओं का समाधान हो, इसके लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि पर खास तौर पर फोकस किया गया है। धामी ने उत्तराखंड राज्य को सैनिक बहुल प्रदेश बताते हुए कहा कि यहां प्रत्येक परिवार से बेटा देश की सीमा पर अपनी सेवाएं दे रहा है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती, पद्मश्री संतोष यादव, पद्मश्री बसंती देवी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, विनीता यादव एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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