आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्मिकों को 3 माह तक छुट्टी नहीं : धामी

देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू हो जाने चाहिए और रेस्पोंस टाइम कम से कम होना चाहिए.
धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं। आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें। जिन समस्याओं का समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है, उन्हें ही शासन तक भेजा जाये। उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। आपदा सीजन के दृष्टिगत अगले तीन माह तक आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। आपदा सचिव ने साफ किया कि इमरजेंसी में ही किसी की छुट्टी स्वीकृत की जाएगी। वो भी तब जब उसकी जगह कोई अधिकारी रिप्लेसमेंट होगा।

उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उसका आपदा मानकों के हिसाब से अधिकतम उपयोग हो, यह सुनिश्चित किया जाए। आपदा प्रभावितों को आपदा मानकों के हिसाब से मुआवजा यथाशीघ्र मिले। आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत रिस्पांस टाइम कम से कम हो। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं उनके ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए। सभी सेटेलाइट फोन चालू अवस्था में रहें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय जनपदों एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। धामी ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें बढ़ायी जाएं। जिन जनपदों में ड्रेनेज सिस्टम की समस्याएं हैं, वे ड्रेनेज प्लान शीघ्र भेजें। वाहन दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को दिये जाने वाले मुआवजे में वृद्धि का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी को पुलिस के साथ निरन्तर समन्वय बनाने के निर्देश दिये।

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