…तो देहरादून से नहीं, खटीमा से ही लड़ेंगे धामी!

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह खटीमा में ही पले-बढ़े हैं। वहां की जनता ने उनको सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया है, ऐसे में वह खटीमा को कैसे छोड़ सकते हैं। एक तरह से उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह खटीमा छोड़कर अन्य स्थान से चुनाव नहीं लड़ेंगे। धामी सुशीला तिवारी अस्पताल के विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने के बाद थाल सेवा कार्यक्रम देखने के लिए गए। यहां खिचड़ी खाने के बाद मुख्यमंत्री पत्रकारों से रूबरू हुए।चुनाव लड़ने के सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि उनकी देहरादून से चुनाव लड़ने की चर्चा गलत है। वह खटीमा की मिट्टी को छोड़कर कहीं और जाने वाले नहीं हैं। खटीमा के लोगों से उनका विशेष लगाव है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरीश रावत वरिष्ठ नेता हैं। उनको कुछ कहना नहीं चाहते हैं लेकिन हरीश को उनकी ही पार्टी के लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। कांग्रेस में कई गुट हैं। कांग्रेस 2017 के बाद से लगातार चुनाव हार रही है।धामी ने कहा कि पिछले छह महीने से वह मुख्यमंत्री हैं और लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार के कार्यकाल में करीब डेढ़ लाख करोड़ के कामों को स्वीकृति दी गई। उसके सहयोग से रेल, सड़क सहित हर विभाग में काम चल रहा है। अब कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति नहीं चलेगी। चुनाव राष्ट्रवाद और विकासवाद के मुद्दे पर होगा।उन्होंने कहा कि भाजपा ने युवा मुख्यमंत्री दिया है और युवाओं को टिकट भी मिलेंगे। पार्टी में दावेदारों की संख्या अधिक होने के कारण टिकट के चयन में थोड़ा विलंब होगा। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आचार संहिता लगने से पहले सरकारी निर्णय लिए थे। आचार संहिता लगने के बाद कोई निर्णय नहीं लिया। इस मामले में सारे कागजात चुनाव आयोग को भेजे हैं। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसी कारण वह निराधार आरोप लगा रही है।

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